Saturday, October 18

विदिशा

ये कैसी आरक्षण प्रक्रिया?चनावी आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल
गंजबासौदा, भोपाल संभाग, विदिशा

ये कैसी आरक्षण प्रक्रिया?चनावी आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल

बासौदा। नगर पालिका चुनाव संपन्न हो गए ओैर पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई पर इन दोनों की चनावों में चुनाव प्रक्रिया पर प्रशन चिन्ह दिखाई दे रहे है। निष्पक्ष चुनाव का दावा करने वाला चुनाव आयोग कि आरक्षण प्रक्रिया की निष्पक्षता दिखाई नहीं दे रही है। तो चुनाव निष्पक्ष कैसे संभव है। नगर पालिका में आरक्षण का जो क्रम अपनाया गया है वह कहीं न कहीं अपनी निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है। क्योंकि एक साधारण भाषा में यदि समझा जाऐ तो पहले नगर पालिका अध्यक्ष पद सामान्य पुरूष हुआ , दूसरा सामान्य महिला, तीसरा पिछड़ा पुरूष और इस बार नियमानुसार पिछड़ा वर्ग महिला होना चाहिए था तो सामान्य महिला सीट होकर चुनाव संपन्न करा दिए गए। इसी अब पंचायत चनाव आरक्षण की बात करें तो गंजबासौदा जनपद अध्यक्ष सीट वर्ष 2009 में पिछडा़ वर्ग महिला थी और इस बार भी पिछड़ा वर्ग महिला कर दी गई। इसी तरह पंचायत के वार्डों में भी आरक्षण...
अधिकारीविहीन नगर पालिका से कैसे हो गुणवत्ता की बाद
गंजबासौदा, विदिशा

अधिकारीविहीन नगर पालिका से कैसे हो गुणवत्ता की बाद

गंज बासौदा करोडों रूपए के विकास कार्य करने वाली नगर पालिका अधिकारीविहीन नगर पालिका है जिसमें सीएमओ से लेकर यूडीटी तक नहीं है। वर्तमान में प्रभारी सीएमओ से काम चलाया जा रहा है। जल प्रदाय विभाग मेंं उपयंत्री का पद खाली है, राजस्व शाखा में आर आई नहीं है, निर्माण शाखा में सब इंजिनियर नहीं है, स्वास्थ शाखा में स्वास्थ अधिकारी नहीं है और तो और हेडक्लर्क भी प्रतिनियुक्ति पर विदिशा परियोजना शहरी विकास अभिकरण में अटेच चल रहे हैं। ऐसे में शहर में चल रहे करोडों रूपए के विकास कार्यों की गुणवत्ता कैसे की जा सकती है। नगर पालिका नगर की ऐसी संस्था है जो नगर के मूलभूत ढंाचे को संचालित करती है और नगर के प्रति उसकी जबाबदेही भी ज्यादा रहती है। उसके द्वारा कराए जाने वाले कार्यों की यदि गुणवत्ता नहीं रहती है तो उसका प्रभाव शहर पर साफ देखा जा सकता है। गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को होना आवश...
नेताजी को कमजोर न आंकें
गंजबासौदा, विदिशा

नेताजी को कमजोर न आंकें

गंज बासौदा हाल ही में हुए नगर पालिका चुनावों में अध्यक्ष का परिणाम भले ही भाजपा के खाते में गया हो पर कांग्रेस के भी ११ पार्षद चुनकर नगर पालिका में पहुंचे हैं जो भाजपा से दो अधिक हैं। २४ वार्डों की परिषद में से भाजपा के खाते में सिर्फ ९ ही पार्षद आ सके जो बडा ही विचारणाीय है क्योंकि जिस तरह से भाजपा के संगठन के लोग मेहनत कर रहे थे उससे मात्र ९ पार्षद आना प्रश्न चिन्ह खडा करता है। जबकि कांग्रेस की ओर से सिर्फ वर्तमान विधायक निशंक जैन ही मेहनत करने में लगे थे और कांगे्रस के बागी तेनगुरिया और सावित्री त्रिवेदी भी निशंक जैन के लिए चुनौती बनी हुईं थीं ऐसे में ११ पार्षद आना भी कोई कम उपलब्धि नहीं है। सत्ता और संगठन का गठजोड होने के बाद भी भाजपा वार्ड हारती है तो यह भी बडा सवाल है। जिसमें ४ प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में चुनकर पहुंचे हैं । वो अलग बात है कि वह निर्दलीय किसकी गोदी में बैठते हैं। इस...
बस स्टैंड पर सुविधाओं की कमी से यात्री हो रहे परेशान
विदिशा

बस स्टैंड पर सुविधाओं की कमी से यात्री हो रहे परेशान

विदिशा। स्थानीय बस स्टैंड सुविधाओं की कमी के कारण यात्रियों के लिए आफत का बस स्टैंड बन चुका है। भीषण गर्मी के बीच यात्रियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। शौचालयों के गेट पर पहुंचकर यात्री वापस लौट रहे हैं। प्रतीक्षालय में पशुओं की गंदगी और धूल भरे फर्स पर यात्रियों को बैठना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि कई वर्षो बाद भी बस स्टैंड की सूरत नहीं बदल सकी है। मालूम हो कि यहां बसों के साथ ही यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। हर दिन हजारों यात्री आते-जाते हैं, पर बुनियादी सुविधाओं की कमी से उन्हें समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अटारीखेजड़ा निवासी किशनलाल आदिवासी, नरेटरन निवासी कमला अहिरवार, राजवीर, ग्यारसपुर निवासी विजय आदिवासी ने बताया कि बस स्टैंड को दुरूस्त करने के नाम पर लाखों रूपए खर्च हुए, पर सुविधाएं नहीं बढ़ीं। जिससे परेशानी होती है। पानी पीने के लिए भटकते यात्री भीषण गर्मी के बी...
प्रेमिका की सगाई तय होने पर हाईटेंशन खंबे पर चढ़ा प्रेमी
विदिशा

प्रेमिका की सगाई तय होने पर हाईटेंशन खंबे पर चढ़ा प्रेमी

विदिशा। करारिया थानांतर्गत खामखेड़ा चौकी से आठ किलोमीटर दूर ग्राम करेली में उस समय दहशत का माहौल हो गया। जब युवक के बिजली के टावर पर चढऩे की खबर मालूम चली। गांव से गुजरने वाले इस हाईटेंशन लाइन का टावर एक खेत में लगा हुआ था। ग्रामीणों के अनुसार विदिशा में रहकर पढऩे वाला 19 वर्षीय शैलेन्द्र पुत्र रमेश लोधी गांव की ही एक लड़की से प्रेम करता था। एक दिन पहले ही उक्त लड़की की सगाई हुई थी। जिससे नाराज युवक को और कोई रास्ता नजर नहीं आया, वह शुक्रवार की सुबह साढ़े 11 बजे के लगभग टावर पर चढ़ा और सबसे ऊंचे पोल पर जाकर बैठ गया। युवक के पोल पर चढऩे की खबर लगते ही पूरे करेली गांव के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांवों से भी लोगों का हुजूम वहां इकट्ठा हो गया। लोगों ने शैलेन्द्र से कई बार नीचे आने की मिन्नतें की लेकिन वह नीचे नहीं आया। कुछ युवकों ने टॉवर पर चढ़कर उसे उतारने का प्रयास भी किया, लेकिन शैलेन्द्र...
विदिशा

महिलाओं की सजगता से धराया शातिर ठग

विदिशा। कामकाजी महिलाओं को लोन दिलाने के बहाने ठगने वाले एक शख्स को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी लोन के बदले रजिस्ट्रेशन शुल्क लेकर महिलाओं को ठगा करता था। कोतवाली पुलिस ने सीहोर निवासी सतीश नामदेव उर्फ अविनाश जैन उर्फ सतीश जैन नामक युवक को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ धारा 420 के तहत कायमी की गई है। कोतवाली पुलिस के एसआई मदन श्रीवास्तव ने बताया कि लोहांगी मोहल्ला निवासी आशा सोनी और उनकी देवरानी विमला सोनी की शिकायत के बाद आरोपी पर कायमी की गई है। शिकायत में उन्होंने यह बताया था कि आरोपी सतीश नामदेव ने पिछले दिनों एक अखबार में लोन दिलाने का विज्ञापन जारी किया था। जिसमें 50 हजार रूपये से लेकर दो लाख रूपये तक के लोन की बात की कही गई थी। विज्ञापन देखकर आशा और सतीश ने अविनाश जैन के नाम से फोन पर बातचीत की थी। सतीश उर्फ अविनाश ने 26 मार्च को आशा के घर आकर एक-एक लाख रूपए के चैक उन्ह...
बढ़ बोले दिग्गी क्या बचा पायेंगे विदिशा में अपनी साख
विदिशा

बढ़ बोले दिग्गी क्या बचा पायेंगे विदिशा में अपनी साख

विदिशा। देश की राजनीति में बढ़ बोल दिग्गी के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने विदिशा के रूप में एक बड़ी चुनौती खड़ी दिखाई दे रही है विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के छोटे भाई को भाजपा की सुषमा स्वराज के मुकाबले खड़ा किया है। विदिशा भाजपा का गढ़ माना जाता है वर्तमान में भाजपा की सुषमा स्वराज सांसद हैं जो पिछले चुनाव में लगभग पौंनेचार लाख वोटों से जीती थीं। पर क्षेत्र पर उनकी कमजोर पकड़ के चलते जीत का अंतर कम हो सकता है। हालांकि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के भाई को टिकिट देकर दिग्वजय सिंह के लिए चुनौती खड़ी की है। क्योंकि चुनाव में सबसे पहले लक्ष्य होता है जीत और जीत प्रभावित होती है तो दूसरा लक्ष्य होता है कम से कम वोटों से हार हो। क्योंकि जीत का जितना प्रभाव पड़ता है उतना ही प्रभाव हार का भी पड़ता है। अब देखना यह है कि दिग्विजसिंह का जादू क्य...
गंजबासौदा, विदिशा
वो थी एक गुडिया वो ऐसे कूद रही थी मानो प्रकृति का स्वतंत्र पंक्षी धर्म, जाति और बंदिशों से परे बाल मानोहर लिए लगती थी बहुत भोली जैसे हो किसी आंगन की चिडिय़ा वो थी एक गुडिया जिसकी नहीं थी कोई धार्मिक पहचान धम्र की बंदिशों से परे चेहकती फिरती इस तरह जैसे हो किसी आंगन की चिडिय़ा वो थी एक गुडिया। प्रदीप अंकल