विदिशा। स्थानीय बस स्टैंड सुविधाओं की कमी के कारण यात्रियों के लिए आफत का बस स्टैंड बन चुका है। भीषण गर्मी के बीच यात्रियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। शौचालयों के गेट पर पहुंचकर यात्री वापस लौट रहे हैं। प्रतीक्षालय में पशुओं की गंदगी और धूल भरे फर्स पर यात्रियों को बैठना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि कई वर्षो बाद भी बस स्टैंड की सूरत नहीं बदल सकी है।
मालूम हो कि यहां बसों के साथ ही यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। हर दिन हजारों यात्री आते-जाते हैं, पर बुनियादी सुविधाओं की कमी से उन्हें समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अटारीखेजड़ा निवासी किशनलाल आदिवासी, नरेटरन निवासी कमला अहिरवार, राजवीर, ग्यारसपुर निवासी विजय आदिवासी ने बताया कि बस स्टैंड को दुरूस्त करने के नाम पर लाखों रूपए खर्च हुए, पर सुविधाएं नहीं बढ़ीं। जिससे परेशानी होती है।
पानी पीने के लिए भटकते यात्री
भीषण गर्मी के बी...