विदिशा। करारिया थानांतर्गत खामखेड़ा चौकी से आठ किलोमीटर दूर ग्राम करेली में उस समय दहशत का माहौल हो गया। जब युवक के बिजली के टावर पर चढऩे की खबर मालूम चली। गांव से गुजरने वाले इस हाईटेंशन लाइन का टावर एक खेत में लगा हुआ था। ग्रामीणों के अनुसार विदिशा में रहकर पढऩे वाला 19 वर्षीय शैलेन्द्र पुत्र रमेश लोधी गांव की ही एक लड़की से प्रेम करता था। एक दिन पहले ही उक्त लड़की की सगाई हुई थी। जिससे नाराज युवक को और कोई रास्ता नजर नहीं आया, वह शुक्रवार की सुबह साढ़े 11 बजे के लगभग टावर पर चढ़ा और सबसे ऊंचे पोल पर जाकर बैठ गया।
युवक के पोल पर चढऩे की खबर लगते ही पूरे करेली गांव के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांवों से भी लोगों का हुजूम वहां इकट्ठा हो गया। लोगों ने शैलेन्द्र से कई बार नीचे आने की मिन्नतें की लेकिन वह नीचे नहीं आया। कुछ युवकों ने टॉवर पर चढ़कर उसे उतारने का प्रयास भी किया, लेकिन शैलेन्द्र ने ऐसा करने से टॉवर से कूदने की धमकी दी। जब शैलेन्द्र की मां ने उसे नीचे उतरने को कहा तो तब भी उसने कूदने की धमकी दी। जिसे देखकर ग्रामीणों ने तमाशबीन बने लोगों और परिजनों को मौके से गांव वापिस भेज दिया।
इस तमाशे की खबर खामखेड़ा चौकी में भी दी गई। जहां से दो पुलिसकर्मी करीब साढ़े 12 बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी काफी समझाइश दी, लेकिन समझाइश का कोई नतीजा नहीं निकला। तीन बजे करीब खामखेड़ा चौकी की प्रभारी एसआई रचना मिश्रा मौके पर पहुंची और उनकी समझाइश के बाद युवक करीब 20 फिट नीचे आकर बैठ गया। फिर अचानक युवक उन तारों के नजदीक आकर बैठ गया, जहां तेज रफ्तार में बिजली का करंट दौड़ रहा था। फिर बमुशिकल समझाइश के बाद वापस टॉवर के बीच में वह जाकर बैठ गया। बाद मेें करारिया थाना टीआई अरूणा सिंह के पहुंचने और उनके समझाइश के बाद युवक नीचे आया। इस घटना के दौरान शैलेन्द्र अपने साथ अपना मोबाइल भी ले गया था। इसी मोबाइल के जरिए उससे बातचीत की जा रही थी। खामखेड़ा टीआई रचना मिश्रा ने मोबाइल के जरिए ही समझाइश देकर उसे 20 फिट नीचे तक बुलाया था।
लंबी समझाइश के बाद आखिकर साढ़े चार बजे के लगभग युवक टॉवर से नीचे उतर आया। नीचे उतरने में उसे 10 मिनिट से ज्यादा लगे। करारिया पुलिय युवक को उक्त युवती के घर लेकर गई। जहां युवती ने उससे किसी प्रकार के संबंध न होने की बात कही। इसके बाद युवक के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास की धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
मौके पर मौजूद जनपद पंचायत विदिशा के उपाध्यक्ष पति कोमल सिंह ने इस घटना की जानकारी कलेक्टर को दी। कलेक्टर एमबी ओझा ने इस मामले में हाईटेंशन लाइन को देखरेख करने वाले एमपीसईवी के भोपाल स्थित आफिस में संपर्क कर इस मामले में मदद की बात कही। भोपाल से दल साढ़े चार बजे के लगभग टावर के पास पहुंचा। तब तक युवक नीचे उतर चुकाथा।
जानकार बताते है कि सबसे बड़ा खतरा तो टावर पर से गुजरने वाले तारों में दौड़ते करंट का था। इन तारों से चार लाख वोल्ट अर्थात 400 केव्ही का करंट तेजी से दौड़ रहा था। तारों के आठ फिट तक के दायरे में आने पर युवक जान से हाथ धो सकता था। दूसरा बड़ा खतरा टॉवर की ऊंचाई थी, जहां तपती दोपहर में वह टॉवर पर बैठा रहा। बीच में तेज हवाएं भी चली। यदि ऊंचाई से भी वह गिरता तो उसका बचना मुश्किल था।