विदिशा। स्थानीय बस स्टैंड सुविधाओं की कमी के कारण यात्रियों के लिए आफत का बस स्टैंड बन चुका है। भीषण गर्मी के बीच यात्रियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। शौचालयों के गेट पर पहुंचकर यात्री वापस लौट रहे हैं। प्रतीक्षालय में पशुओं की गंदगी और धूल भरे फर्स पर यात्रियों को बैठना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि कई वर्षो बाद भी बस स्टैंड की सूरत नहीं बदल सकी है।
मालूम हो कि यहां बसों के साथ ही यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। हर दिन हजारों यात्री आते-जाते हैं, पर बुनियादी सुविधाओं की कमी से उन्हें समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अटारीखेजड़ा निवासी किशनलाल आदिवासी, नरेटरन निवासी कमला अहिरवार, राजवीर, ग्यारसपुर निवासी विजय आदिवासी ने बताया कि बस स्टैंड को दुरूस्त करने के नाम पर लाखों रूपए खर्च हुए, पर सुविधाएं नहीं बढ़ीं। जिससे परेशानी होती है।
पानी पीने के लिए भटकते यात्री
भीषण गर्मी के बीच बस स्टैंड पर यात्री शीतल जल के लिए भटकते हैं। हजारों यात्री सिर्फ एक हैंडपंप के भरोसे हैं। यह हैंडपंप भी कई बार बंद होने के बाद यात्री आसपास की होटलों के भरोसे हो जाते हैं। परिसर में सुलभ शौचालय के पास ए और हैंडपंप है, लेकिन इसमें गंदा पानी आने के कारण यात्री इसका उपयोग नहीं कर पाते। परिसर में बनी दो प्याऊ में से एक प्याऊ वर्षों से बंद है। दूसरी प्याऊ वाहनों की आड़ में रहने से नहीं दिखती। इस प्याऊ में भी एक पाइप में टोंटी लगाकर छोड़ दिया।
शौचालयों के बुरे हाल
बस स्टैंड पर शौचालयों के बुरे हाल हैं। इनकी नियमित सफाई न होने से गंदगी और दुर्गंध के बीच लोगों को अन्य स्थान की तलाश करना पड़ रही है। महिला यात्रियों को सर्वाधिक परेशानी होती है, लेकिन नपा ने इस प्रमुख समस्या पर ध्यान नहीं दिया। इसी तरह यात्री प्रतीक्षालय में दुर्गंध और धूल है। यात्रियों के बैठने के लिए बैंच और पंखे नहीं है। प्रतीक्षालय में यात्रियों के साथ ही पशु भी बैठते हैं। जिससे दुर्गंध और मक्खियां रहती हैं। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ जाती है।
समस्याओं की जानकारी लेंगे
बस स्टैंड पर पानी और सफाई व्यवस्था की जानकरी ली जाएगी। यात्रियों की इन समस्याओं को शीघ्रता से दूर किया जाएगा। पीके चावला, स्वास्थ्य अधिकारी, नपा विदिशा