बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए अब ओबीसी फैक्टर पर बड़ा दांव लगाने जा रहा है। इस रणनीति के तहत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और ओबीसी नेता डॉ. मोहन यादव को बिहार की 20 से अधिक ओबीसी बहुल सीटों पर उतारा जाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए अब ओबीसी फैक्टर पर बड़ा दांव लगाने जा रहा है। इस रणनीति के तहत के मुख्यमंत्री और ओबीसी नेता डॉ. मोहन यादव को बिहार की 20 से अधिक ओबीसी बहुल सीटों पर उतारा जाएगा। गुरुवार को शुरुआत पटना महानगर सीट से हुई। सीएम डॉ. यादव ने पटना महानगर और पटना ग्रामीण में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में रैली और सभाएं कीं। शुक्रवार को वह फिर बिहार दौरे पर रहेंगे और नवादा जिले की दो सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे।
ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश
भाजपा और एनडीए की रणनीति बिहार में सामाजिक समीकरणों को मजबूत करने की है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा विभिन्न राज्यों के लोकप्रिय ओबीसी चेहरों को प्रचार में उतार रही है। इनमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। यूपी के लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनके प्रचार से भाजपा को कई सीटों पर फायदा मिला था।
कांग्रेस ने बिहार को बर्बाद कियाः सीएम
पटना की जनसभा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस ने बिहार को बर्बाद किया। 2004 से पहले बिहार में डकैतों और जंगलराज का बोलबाला था। कांग्रेस के कुशासन और लाइसेंस-कोटा-परमिट की व्यवस्था ने देश और बिहार दोनों का बंटाधार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सेना, लोकतंत्र और भगवान राम का अपमान किया है, जबकि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर चलकर विकास की इबारत लिख रही है। बिहार में तेजी से विकास हुआ है।