जंगे-आजादी का वह स्वर्णिम पृष्ठ
भारत छोड़ो आंदोलन नौ अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ था, मगर यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि यह अचानक शुरू हो गया था। हुआ यह था कि आठ अगस्त को बंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन था। इसमें भविष्य का कार्यक्रम तय होना था। इसके प्रस्ताव में जोरदार शब्दों में यह मांग की गई थी कि भारत को शीघ्र आजाद किया जाए। इससे अंग्रेज डर गए कि अब कोई बड़ा आंदोलन होने वाला है। इसे रोकने के लिए उन्होंने कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार करने का निर्णय लिया और यही गिरफ्तारियां भारत छोड़ो आंदोलन की वजह बनीं।
कांग्रेस के कुछ नेताओं को आठ अगस्त की रात्रि को ही पता लग गया था कि शीघ्र ही उनकी गिरफ्तारी होने वाली है। मौलाना आजाद उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। वे बंबई में भूलाभाई देसाई के घर ठहरे हुए थे। पुलिस में भूलाभाई देसाई के एक परिचित थे। उन्होंने सूचित कर दिया कि सुबह मौलाना की गिरफ्तारी होगी मौलाना को...