Saturday, October 18

संपादकीय

मोदी जी और मन की बात…………….
देश विदेश, संपादकीय

मोदी जी और मन की बात…………….

आज आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम मन की बात में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं से नशा मुक्त भारत बनाने की बात कही। उन्होंने युवाओं को नशे की लत से बाहर निकलकर देश निर्माण में अपनी मेहती भूमिका अदा करने के लिए प्रेरित किया। नशे के दुष्परिणामों पर भी जोर दिया। इसके साथ ही देश की तमाम उन हस्तियों को भी ïआगे आकर नशा मुक्ति के लिए प्रेरणादायक कार्य करने के लिए अह्ï़वान किया । फिल्मी सितारों, सामाजिक क्षेत्र के लोगों, सोशल मीडिया के लोगों और साधु संतों को भी इस गंभीर समस्या के लिए आगे आने के लिए आमंत्रित किया। इतना ही नहीं अपने मन की बात में श्री मोदी जी ने अपने हाल ही के अनुभव बांटते हुए उन दृष्टिहीन क्रिकेट खेलने वाले बच्चों की खूब प्रशंसा की साथ ही जम्मू कश्मीर की क्रिकेट टीम की मुंबई की टीम पर विजय को भी याद किया। साथ ही देश के लोगो से आग्रह किया कि एक बार वे पूर...
कितना सफल होगा मोदी का कश्मीर मिशन
देश विदेश, संपादकीय

कितना सफल होगा मोदी का कश्मीर मिशन

देश के प्रधानमंत्री एक के बाद एक चुनावी कीर्तिमान स्थापित करते जा रहे हैं और राज्यों में भाजपा की सरकार बिठाते जा रहे हैं । यह सब एक सपना सा लगता है क्योंकि जहां भाजपा केन्द्र में बैठने के लिए कबसे संघर्षरत थी पर उसे सफलता प्राप्त नहीं हो रही थी। पर मोदी के जादू के चलते केन्द्र में अपनी सरकार तो बैठायी ही साथ में पूर्ण बहूमत भी दिला दिया । इससे राष्ट्र में एक विश्वास का माहौल भी बनता दिखाई देने लगा जिसकी कई वर्षों से आवश्यकता थी। आज झारखंड और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं मोदी अपनी पूरी ताकत के साथ दोनों ही राज्यों में प्रचार में जुटे हुए हैं। लाखों की तादाद में जमा होती भीड कितना मतों में परिवर्तित हो पाएगी यह तो परिणाम आने के बाद पता चल सकेगा पर इतना जरूर है की मोदी के जादू के चलते लोगों में मोदी के प्रति एक विशेष लगाव देखा जा रहा है। क्योंकि उनका आत्मविश्वास जनता को खूब पस...
न्यूज चैनलोंं का खेल बिगाड रहा है सोशल मीडिया
विविध, संपादकीय

न्यूज चैनलोंं का खेल बिगाड रहा है सोशल मीडिया

भले ही सोशल मीडिया के दुरूपयोग की बात समय समय पर उठ रही है पर आज जिस तरह से सोशल मीडिया का चलन बड रहा है उससे कहीं न कहीं इलेक्टोनिक मीडिया पर फ र्क तो पड रहा है। अक्सर इलेक्टोनिक मीडिया पर एक तरफ न्यूज प्रसारित करने के आरोप लगते रहे हैं। पर सोशल मीडिया का बडता दायरा और बडते उपभोक्ताओं ने कहीं न कहीं इलेक्टोनिक चैनलों को प्रभावित तो किया है। अब कोई मामले को इलेक्टोनिक चैनल एक तरफा दबाब नहीं बना पाते। सोशल साइटों पर किसी भी खबर के आने के बाद इलेक्टोनिक मीडिया को भी अपने पैर पीछे खींचने पडते हैं। एक समय था जब समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार अपनी विश्वसनीयता रखते थे पर बडते समाचार पत्रों की संख्याओं ने और समाचार पत्रों के व्यवसायीकरण ने कहीं न कहीं विश्वसनीयता खोई है। पर जैसे ही देश में इलेक्टोनिक समाचारों का चलन चला तो उसका प्रभाव समाचार पत्रों पर भी पडा और इलेक्टोनिक चेैनलों में भी बडती ...
उचित नहीं है संसद में हंगामा
देश विदेश, संपादकीय

उचित नहीं है संसद में हंगामा

देश के नेता कितने गैर जिम्मेदार हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संसद में देश निर्माण के जिन गंभीर मुद्दों को लेकर बहस करनी चाहिए वहां पर उन मुद्दों को तो छोड किस मंत्री ने क्या कहा, किस विधायक ने क्या कहा ऐसे मुद्दों पर संसद का समय बर्बाद करके जनता के पैसे का दुरूपयोग तो करते ही हैं साथ ही समय बर्बाद करते हैं। यह सही है कि सांसद,मंत्री, विधायक जो भी उच्च पदों पर हैं उनको अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए किसी के भी खिलाफ अब्शब्दों का प्रया ेग नहीं करना चाहिए। क्योंकि देश की जनता के साथ पूरा विश्व उनके शब्दों पर निगाह रखे रहता है। ऐसे में उनका दायित्व बनता है कि अपने आप को आर्दश प्रस्तुत करते हुए अच्छा बरताव करें। पर जिस तरह से देश के नेता छोटी छोटी बातों को लेकर संसद का समय बर्बाद करते है उससे एक अच्छे देश की कल्पना करना मुश्किल है क्योंकि जिस संसद में देश के लिए अच्छे कानून, अच्...
उल्लास का पर्व है दीपावली
संपादकीय

उल्लास का पर्व है दीपावली

भारत में गर्मी एक परेशान कर देने वाला मौसम है, इसीलिए यहां वर्षा की धूमधाम से अगवानी की जाती है। भारत की समस्त ऋतुओं में वर्षा को रानी माना गया है। वर्षा के समाप्त होते ही शरद का आगमन होता है। इसी शरद की अगवानी का त्योहार है, दीपावली। वो भी कोई एक या दो रोज का नहीं, पूरे पांच रोज का। दीपावली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और भैया दूज तक लगातार पांच दिन तक चलता है। पूरे देश में यह पर्व समान रूप से मनाया जाता है और हिंदू, सिख, जैन तथा बौद्ध आदि इसे मनाते हैं। दुनिया के अन्य देशों में भी हिंदू यह पर्व मनाते हैं। वर्ष 2003 से तो हर साल दीपावली के रोज अमेरिका के ह्वाइट हाउस को भी रोशनी से सजाने की परंपरा चली आ रही है। हां, भारत में अन्य त्योहारों की तरह इसे मनाने की परंपरा अवश्य अलग-अलग है। मसलन-कोई इसे लक्ष्मी के आगमन का त्योहार बताते हैं, तो किसी के लिए इसी रोज भगवान श्रीराम लंका विजय कर ...
इस्लाम का क्रूर चेहरा दर्शता है आईएसआईएस
संपादकीय

इस्लाम का क्रूर चेहरा दर्शता है आईएसआईएस

धार्मिक कट्टरता किसी भी मजहब को पोषित नहीं कर सकती, धार्मिक कट्टरता समाज का विकास नहीं कर सकती, धार्मिक कट्टरता मानवता की रक्षा नहीं कर सकती। जब-जब भी धार्मिक कट्टरता का उदय हुआ है तब-तब मानवता ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। भारत का इतिहास इससे पटा पढ़ा है, वो अलग बात है भारतीय संस्कृति क्षमा की संस्कृति है इसलिए उन घटनाओं को याद भी नहीं करना चाहते। जिस तरह से इस्लामिक देशों का सपना देखने वाले आतंकवादी संगठन आईएसआईएसआई हों या इंडियन मुजाहिदीन हों, सिमी हों, लश्कर ए ताईबा हों ऐसे तमाम संगठन जो दुनिया को इस्लामिक देश बनाने का सपना संझोकर इस्लाम को एक कट्टारता के रूप में प्रदर्शित करते हुए मानवता को खतरा बने हुए हैं। उनकी धार्मिक कट्टरता न तो उनकी ही समाज का उत्थान कर पा रही है और न ही किसी अन्य मानवीय पहलुओं की रक्षा कर पा रही है। उल्टे इसके इस्लाम को लेकर दुनिया भर में एक नकारात्मक माहौल जरूर...
हुडहुड ने अंडमान के द्वीप को किया पार, 12 को टकराएगा ओडिशा के तट से
संपादकीय

हुडहुड ने अंडमान के द्वीप को किया पार, 12 को टकराएगा ओडिशा के तट से

भुवनेश्वर। अंडमान सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र समुद्री तूफान में बदल गया है। हुडहुड नाम के इस तूफान के 12 अक्टूबर को ओडिशा और आंध्रप्रदेश में पहुंचने की आंशका है। इसके मुद्देनजर ओडिशा के 16 जिलों में हाईअलर्ट किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक तटों की ओर से बढ़ते हुआ तूफान और तेज होता जाएगा। यह ओडिशा तट की ओर बढ़ रहा है। इसके दक्षिण ओडिशा के गोपालपुर और उत्तरी आंध्र के विशाखापट्टनम के बीच गोपालपुर से होकर गुजरने के आसार हैं। अभी यह गोपालपुर और विशाखापट्टनम से करीब 110 किमी दूर है। मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि चक्रवात हुडहुड ने पोर्टब्लेयर और अंडमान-निकोबार के लांग द्वीप को पार कर लिया है। तूफान की रफ्तार अभी 67 किलोमीटर प्रतिघंटा है। बचाव कार्य की तैयारियां: अन्य राज्यों से भी लाइफ सेविंग बोट्स मंगवाई जा रही हैं। नाविकों, मछुआरों को समुद्र में न जाने को कहा गया है। तट किनारे रहने...
स्वच्छता अभियान का हाल वृक्षा-रोपण की तरह न हो
संपादकीय

स्वच्छता अभियान का हाल वृक्षा-रोपण की तरह न हो

2 अक्टूबर से नरेंद्र मोदी की शुरू होने वाली महत्वाकंक्षी योजना का आगाज शुरू होने से पहले ही दिखाई देने लगा है। नेताओं से लेकर कई लोग हाथों में झाडू लेकर सफाई करते दिखाई दे रहे हैं। यह भारत के भविष्य के लिए बहुत अच्छा है और इसकी आवश्यकता भी है पर वह झाडू फोटो तक ही सीमित न रह जाए, यह झाडू सिर्फ समाचार पत्रों की सुरर्खियों तक ही सीमित न रह जाए और यह झाडू मोदी को खुश करने तक ही न रह जाए। क्योंकि सरकारें जब कोई योजनाएं लाती हैं तो समाचार पत्रों में छपाऊ लोग सबसे आगे दिखाई देते हैं। प्रदेश सरकार की ऐसी कई योजनाऐं हैं जो सिर्फ समाचार पत्रों तक ही सीमित रह गई हैं। जिन में लाखों रूपये की बर्बादी देखी गई है। इसी तरह बरसात का मौसम आते ही समाचार पत्रों में जगह-जगह पेड़ ऊगने लगते हैं एक पेड़ को चार-चार छ:-छ: लोग पकड़ कर फोटो सेशन कराकर छोड़ देते हैं। कई बार तो वह पेड़ की पॉलीथिन तक हटाना भूल जाते है...
संपादकीय

तो मोदी क्या? यह बोलते…..

भारत जागरूक हो रहा है, भारत विकसित हो रहा है, भारतीय समाज परिणाम चाहने लगा है, भारत के लोग उत्तर प्रतिउत्तर करने लगे हैं इन सब के बीच भारत की मीडिय़ा खास करके इलेक्ट्रोनिक मीडिय़ा तिल से लेकर पहाड़ तक पर परिचर्चा करने में लगा हुआ है। भले ही उससे देश बनता हो या बिगड़ता हो, भले उससे भारत की छवि धूमिल होती हो, या फिर भारतीय समाज में वैमानसता फैले उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के मुसलमानों को लेकर जो टिप्पणी की उससे एक ओर जहां हिन्दू समाज में आलोचना शुरू हो गई और वह कहीं न कहीं अपने आप को ठगासा महसूस करने लगा। वहीं दूसरी ओर मुसलमान समुदाय भी दो भागों में बटे दिखाई दिए, कोई मोदी की तारीफ कर रहा था, तो कोई उन पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा था। इन सब के बीच भारतीय मीडिय़ा अपने-अपने चैनलों पर इस टिप्पणी पर लोगों का समय बर्बादा कर रहे थे और ऐसा लग रह...