2 अक्टूबर से नरेंद्र मोदी की शुरू होने वाली महत्वाकंक्षी योजना का आगाज शुरू होने से पहले ही दिखाई देने लगा है। नेताओं से लेकर कई लोग हाथों में झाडू लेकर सफाई करते दिखाई दे रहे हैं। यह भारत के भविष्य के लिए बहुत अच्छा है और इसकी आवश्यकता भी है पर वह झाडू फोटो तक ही सीमित न रह जाए, यह झाडू सिर्फ समाचार पत्रों की सुरर्खियों तक ही सीमित न रह जाए और यह झाडू मोदी को खुश करने तक ही न रह जाए।
क्योंकि सरकारें जब कोई योजनाएं लाती हैं तो समाचार पत्रों में छपाऊ लोग सबसे आगे दिखाई देते हैं। प्रदेश सरकार की ऐसी कई योजनाऐं हैं जो सिर्फ समाचार पत्रों तक ही सीमित रह गई हैं। जिन में लाखों रूपये की बर्बादी देखी गई है।
इसी तरह बरसात का मौसम आते ही समाचार पत्रों में जगह-जगह पेड़ ऊगने लगते हैं एक पेड़ को चार-चार छ:-छ: लोग पकड़ कर फोटो सेशन कराकर छोड़ देते हैं। कई बार तो वह पेड़ की पॉलीथिन तक हटाना भूल जाते हैं। यदि वह लोग बाकई वृक्षारोपण करके उन पौधों को जीवन दें तो प्रकृति का असंतुलन जैसी स्थिति नहीं बनेगी। इसी तरह यदि मोदी के सफाई अभियान को समाचार पत्रों तक सीमित रखा गया तो उसका हाल भी उन्हीं पौधों की तरह हो जाएगा। समाचार पत्र का दायित्व है कि वह जागरूकता लाने के लिए समाचार प्रकाशित करता है। उसमें इस तरह के फोटो प्रकाशित करना भी अनिवार्य है जिससे लोगों को प्रेरणा मिलती है और ज्यादा से ज्यादा लोग उस मुहीम का हिस्सा बनते हैं पर यह देखना भी जरूरी है कि जो लोग सिर्फ फोटो खिचबाने के लिए यदि उस मुहीम का हिस्सा बनते हैं तो उनको ऐसी मुहीमों से दूर रखा जाए जिससे वह मुहीम अपने मुकाम तक पहुंच सके।
अब देखना यह है कि 2 अक्टूबर से शुरू होने वाली सफाई अभियान देश के लोगों को कितना जागरूक कर पायेगा। क्योंकि लोगों में अधिकारों के प्रति तो सजगता दिखाई देती है पर कर्तव्यों के प्रति वह दूर ही रहते हैं। गंदगी आज पूरे देश की एक गंभीर समस्या है यह समस्या सिर्फ एक व्यक्ति के कारण नहीं है यह समस्या गरीब, अमीर के कारण नहीं है यह समस्या अनपढ़ और पढ़ेलिखे लोगों के कारण नहीं है इसमें सभी वर्ग के लोगों के कारण है। आपको बताना चाहते हैं कि ट्रेन में सफर करते समय मूंग फली के छिलके सीट के नीचे डाल देते हैं, संभ्रात व्यापारी दूकान का झाड़कर कचरा रोड़ पर कर देते हैं ऐसे कई उदाहरण हैं इसलिए इस मुहीम की महती आवश्यकता थी जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझा है अब देखना यह है कि देश के लोग, देश के प्रधानमंत्री को कितना सहयोग करते हैं और अपने भारत को स्वच्छ भारत बनाते हैं।