देश के नेता कितने गैर जिम्मेदार हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संसद में देश निर्माण के जिन गंभीर मुद्दों को लेकर बहस करनी चाहिए वहां पर उन मुद्दों को तो छोड किस मंत्री ने क्या कहा, किस विधायक ने क्या कहा ऐसे मुद्दों पर संसद का समय बर्बाद करके जनता के पैसे का दुरूपयोग तो करते ही हैं साथ ही समय बर्बाद करते हैं। यह सही है कि सांसद,मंत्री, विधायक जो भी उच्च पदों पर हैं उनको अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए किसी के भी खिलाफ अब्शब्दों का प्रया ेग नहीं करना चाहिए। क्योंकि देश की जनता के साथ पूरा विश्व उनके शब्दों पर निगाह रखे रहता है। ऐसे में उनका दायित्व बनता है कि अपने आप को आर्दश प्रस्तुत करते हुए अच्छा बरताव करें।
पर जिस तरह से देश के नेता छोटी छोटी बातों को लेकर संसद का समय बर्बाद करते है उससे एक अच्छे देश की कल्पना करना मुश्किल है क्योंकि जिस संसद में देश के लिए अच्छे कानून, अच्छी योजनाऐं बनाने के लिए बहस करनी चाहिए उसकी जगह छोटी छोटी बातों पर बहस करते हुए संसद का समय बर्बाद करते हैं जो देश हिता में कहीं से भी नहीं कहा जा सकता। आज भारत का नागरिक समझदार हो गया है यदि कोई नेता अब्शब्दों का उपयोग करता है तो देश की जनता स्वयं जबाब देने में सक्षम है पर यह बात राजनैतिक लोगों को समझ में नहीं आती वह तो सिर्फ संसद नहीं चलने देकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।