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ज्वार के दाने भूनकर खाने से मर जाते हैं पेट के कीड़े
ज्वार एक देसी अनाज है जिसकी खेती भारत के अनेक राज्यों में की जाती है। इसके कोमल भुट्टों को भूनकर भी खाया जाता है। वैसे ज्वार बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है और इसमें अनेक पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। आदिवासी ज्वार की रोटी बड़े चाव से खाते हैं। ज्वार का वानस्पतिक नाम सौरघम बायकलर है। देसी अनाज के तौर पर अपनाने के अलावा आदिवासी इसे हर्बल नुस्खों के लिए भी अपनाते हैं। चलिए आज जानते हैं ज्वार के औषधीय गुणों के बारे में।पेट के कीड़े मरते हैं
आदिवासी ज्वार के दानों को भूनकर रात सोने के समय बच्चों को करीब 2 ग्राम मात्रा नमक के साथ मिलाकर चबाने की सलाह देते हैं। आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार यह पेट के कीड़ों को मार देता है।
पेट की जलन कम
डांग के आदिवासी भुनी हुई ज्वार को ज्वार के साथ खाने की सलाह देते हैं। इससे पेट की जलन कम हो जाती है।
अन्य फायदे:
जलन दूर होती है
ठंडक मिलती है...










