Wednesday, October 22

संपादकीय

इतिहास की गाथा, देश विदेश, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, विविध, शिक्षा और ज्ञान, संपादकीय

पर्यावरण प्रकृति का आधार।

प्रकृति का मूल आधार पर्यावरण ही है ।जो प्रकृति के तत्वों की रक्षा करता है।पर्यावरण का असंतुलन प्रकृति को असंतुलित करता है । प्रकृति का सौन्दर्य ही पर्यावरण से है। आज पूरी दुनिया में चारों ओर पर्यावरण की चर्चा तो हो रही है ओर चिंता भी प्रकट की जा रही है पर उसके समाधान की कोई ठोस कोशिश नहीं की जा रही तभी तो पूरी दुनिया इस असंतुलन की मार झेल रहा है। आज प्रकृति का पूरी दुनिया ने दोहन किया है विकास कि अंधी दौड ने पर्यावरण को असंतुलित कर दिया ।प्रकृति का मूल आधार जल जमीन ओर जंगल से लेकर आसमान तक इस मानव ने अपने स्वार्थी मनसूबों से दूषित कर रखा है। जिस तरह से मनुष्य द्वारा प्रकृति का दोहन किया जा रहा है वह स्वयं भी मनुष्य के लिए हनिकारक सावित हो रहा हें इसी तरह यदि दोहन होता रहा तो मानव सभ्यता भी खतरे में दिखाई देगी। आज जंगलों की अवैध कटाई ने पृथ्वी को तपने के लिए मजबूर कर द...
क्या वाकई कथा वाचिका चित्रलेखा शादीशुदा है ?
Uncategorized, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, संपादकीय, हादसा

क्या वाकई कथा वाचिका चित्रलेखा शादीशुदा है ?

इन दिनों भारत में कथा वाचकों की भरमार आई हुई है ।जिसे देखो वही कथावाचक वनने के लिए आतुर है। दुख की बात ये है इन कथावाचकों में अधिकतर ऐसे हैं जिन्हें शास्त्र का ज्ञान तक नहीं है ।जिसे देखो वही व्यासपीठ पर बैठना चाहता है। गांव हो या शहर हर जगह ऐसे कथावाचकों की बाढ आई हुई है। अव हम उन कथा वाचिकाओं की बात करते है जिनकी.कथनी और करनी अलग है जो व्यासपीठ पर बैठ कर उसकी गरिमा का तक ध्यान नहीं रखतींं ऐसी ही कथा वाचिका चित्रलेखा ये चित्रलेखा सुर्खियों में तव आईं जव स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती जी ने व्यासपीठ की शुद्धि नामक अभियान चलाया ।जिसमें वो हर संत शामिल किया गया जो व्यासपीठ की गरिमा को खंडित करते है ऐसे संतोंं के वो वीडियो दिखाये गये जिसमें वो सनातन की जगह इसलाम का प्रचार करते नजर आ रहे हैं। तभी चित्रलेखा के शादीशुदा होने की खबरें भी आईं तभी से ये मांग उठ रही है की जिस तरह चित्रलेखा ने व्य...
यहां तो सांपों को भी पूजा जाता है..पर हाथी…
Uncategorized, अपराध जगत, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, लाइफ स्टाइल, विविध, संपादकीय, हादसा

यहां तो सांपों को भी पूजा जाता है..पर हाथी…

ये भारत है यहां की संस्कृति भी निराली है ।करोड़ों देवी देवताओं ,पशु पक्षियों , जीवजंतुओं ओर वनस्पतियों की पूजन किया जाता है ।सनातन संस्कृति तो सभी की सुख शान्ति के लिए नित्य स्तुतिगान करती है । आज भारत के केरल जो सौ प्रतिशत शिक्षित माना जाता है उसमें अशिक्षित ,अमानवीय ,ओर क्रोर समाचार प्राप्त हुआ ।हालांकि यह घटना एक हफ्ते पहले की है पर सोशल मीडिया पर आने के बाद बवाल मच गया ।घटना में एक हथनी को पाइनेपल में विस्फोटक खिलाने से वो जख्मी हो गई ओर बाद में मर गई। जव उसका पोस्टमार्टम हुआ तो उसके पेट में भ्रूण था । जिस देश में नागों को पूजा जाता हो उस देश में ऐसीं हरकत भी हो रही है ।भारत में शरण पाने बाले लोग इतने असभ्य हो सकते है ।हमारे पूर्वजों की गल्तियों की सजा आज देश भुगत रह है।...
जाहिल एकता कपूर ने की हद पर..
लाइफ स्टाइल, संपादकीय

जाहिल एकता कपूर ने की हद पर..

मित्रो मै एक पत्रकार हूं मेरा भी दायित्व है अपने देश के लिए फर्ज निभाने का आज मै उसी दायित्व को निभाते हुए फिल्मी दुनिया के मक्कार कलाकारों की पोल खोल रहा हूं ।ये जाहिल एकता कपूर कोन है इसका बाप कोन है इन कुत्तों को भारत ने इतना प्यार दिया शोहरत दी उसका परिणाम यह है ,ये लोग कभी हिन्दू संस्कृति पर हमला करते तो कभी भारत की संस्कृति को बदनाम करते ।देश की पुलिस की छवि ऐसी प्रस्तुत करते ये खेल कई बर्षों से चला आ रहा है पर अभी तक किसी ने कुछ नहीं कहा पर अव पानी सर से ऊपर निकलने लगा है । एकता कपूर नामक कोई जाहिल औरत जो फिल्म इंडस्ट्री में है उसने हद पर करते हुये भारतीय सेना की छवि खराब करने की कोशिश की है इस औरत ने जो वेबसीरिज बनाई है उसनें भारतीय सेना की छवि को धूमिल किया है। दुख होता है जिस सेना की वजह से हम देश में सुरक्षित है ।उसी सेना की छवि आप धूमिल करेंगे। अरे ये लोग रंगीली पार्टिया...
चार महानगर ,लाचार..
Uncategorized, देश विदेश, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, विविध, संपादकीय

चार महानगर ,लाचार..

भारत में आधुनिकीकरण ओर चमकदमक का तमका वाले हमारे देश के चार शहर इस समय लाचार दिखाई दे रहे हैं।कोरोना संकट ने जहां पूरे विश्व को घुटनों पर ला दिया है वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत के चार बढे शहर दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता ओर चेन्नई में कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या ने इन राज्यों के प्रवंधन की पोल खोल दी है ।इस समय इस तरह लिखने में भी अच्छा नहीं लग रहा है पर सच ये है की देश के इन चार बडे नगरों की दशा क्या है हम बात करते है सबसे पहले दिल्ली की । देश की राजधानी दिल्ली जिसके मुख्यमंत्री हें,अरविंद केजरीवाल ।अन्ना हजारे के आंदोलन से जन्मे अरविंद की राजनीति कुछ अलग तरह की रही है दिल्ली के लोगों को फ्री का चस्का लगाकर दिल्ली की गद्दी पर आसीन तो हो गये ओर एक कार्यकाल पूरा भी कर लिया ।पर दूसरे कार्यकाल में कोरोना ने उनकी परीक्षा ले ली जिसमें वो पूरी तरह फेल दिखाई दे रहे हैं। को...
आखिर आत्मनिर्भरता पर संशय क्यों?…
भोपाल संभाग, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, संपादकीय

आखिर आत्मनिर्भरता पर संशय क्यों?…

जो काम आजादी के बाद होना था वो अव हो रहा है यदि देश का प्रधानमंत्री देश के लोगों से आत्मनिर्भर बनने की अपील कर रहा है तो उसमें संशय क्यों पैदा किया जा रहा है ।किसी भी देश का विकास तभी सम्भव है जव वहां के लोग आत्मनिर्भर होंगे यह साधारण सी बात है । आज राजनैतिक लोगों के लिए नजरिया अलग हो सकता है पर देश के जनमानस में आत्मनिर्भर बनने की ललक दिखाई दे रही है ।वो स्वयं भी अपने से कुछ करना चाहते हैं। भले ही राजनैतिक पार्टियों के लोग आज कहें आज देश में जो बडी संस्थाएं है वो उनकी देन है ।इसमें कोई बुराई नहीं हैं जो सत्ता में रहता है वो अपने सामर्थ्य के अनुसार कार्य करता है । मोदीजी ने संसद को सम्बोधित करते हुए यह कहा भी था की आज के पहले जिन लोगों ने सरकारों ने जो विकास किया है ।उसकी तारीफ होनी चाहिए पर अव आगे के विकास के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए। पर ना जाने इस देश की राजनीति कैंसी है...
क्या महाराष्ट्र पुलिस का अपराधियों में खौफ नहीं..
Uncategorized, अपराध जगत, संपादकीय

क्या महाराष्ट्र पुलिस का अपराधियों में खौफ नहीं..

महाराष्ट्र के वसई तालुका के बालीवली मे जागृत महादेव मंदिर के आश्रम पर तीन लोगों ने हमला कर दिया इससे एकबार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है,ओर महाराष्ट्र पुलिस पर सवाल खडे हो रहे है। आपको याद होगा पालघर की घटना में जहां राज्य की उद्धव सरकार की फजीहत हुई थी। इतना ही नहीं महाराष्ट्र पुलिस की भूमिका पर भी प्रश्न उठते थे। ओर यह मामला काफी गंभीर रूप ले लिया था।उसके बाद यदि फिर ऐंसी ही घटना घटित होती है तो यही माना जायेगा की अपराधियों मे पुलिस का भय नहीं हैं। यहां एक सबाल ओर उठ रहा है कि आखिर साधुसंतों को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है। एक ओर देश कोरोना जैसी बीमारी का सामना कर रहा है ,वहीं दूसरी ओर अपराधी अपने बुलंद हौंसले लिए सरेआम अपराधों को अंजाम दे रहे है।...
जबावदेही    तो     बनती    है !
Uncategorized, देश विदेश, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, संपादकीय

जबावदेही तो बनती है !

विपक्ष ही सत्ता को सजग रखता है ,ओर वही देश के विकास का अपरोक्ष रूप से सहभागी भी होता है ।पर विपक्ष सिर्फ़ राजनीति ही करता रहे तो उससे न तो सत्ता का भला होता ओर नाही देश के नागरिकों का । ओर जव वही विपक्ष कहीं राज्य सत्ता का सहभागी है। तो उसकी जिम्मेदारी दोहरी हो जाती है। पर एक ओर तो वह केन्द्र सरकार को कटघरे मे खडा करे ओर दूसरी ओर जहां राज्य सरकार के सहभागी है वहां जिम्मेदारी लेनें से भागे तो यह गलत है । जबावदेही तो लेनी ही होगी जव आप किसी सरकार के हिस्सा हैं ओर वह सरकार किन्ही जगह फैल हो रही है तो वह फैल गठबंधन का फैल है उसके लिए बराबर से जिम्मेदार है।क्योंकि आप उसका हिस्सा है।ऐसे में यह कहना की वहां के लिए हम जिम्मेदार नहीं। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के राहुल गांधी की जो महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के गठबंधन मित्र है वो अलग बात है दोनों की विचारधारा अलग है पर सत्ता की मलाई में कह...
श्रीराम मंदिर का काम शुरू….
इतिहास की गाथा, कहानी, देश विदेश, भोपाल संभाग, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, संपादकीय

श्रीराम मंदिर का काम शुरू….

आज की तारीख एक बार ओर इतिहास में दर्ज हो गई ,ओर यह तारीख ऐसे ही दर्ज नहीं हुई आज सनातन हिंदुओं के लिए बढे सौभाग्य का दिन है ।भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण आज से शुरू हो गया । देश की राजनीति की दिशा बदलने बाले इस अभियान ने बहुत कुछ सहा ओर बहुत कुछ खोया ओर ना जाने कितने लोग इस अभियान के लिए नींव का पत्थर वन गये ,न जाने कितने संतो ने अपने प्राणों की आहूति दे दी ,धन्य है वो आत्माएं जिन्हें इस पुण्य कार्य के निमित्त बने। याद आ जाता है वो मुलायम सिंह के दमनचक्र जिसमें हजारों निरापराध संतों को गोलियों से भून दिया गया था। उस समय समाचार का साधन तो सिर्फ समाचार पत्र ही थे य दूरदर्शन की न्यूज । पर उस समय एक बीडीओ कैसेट आया था , जिसका नाम था कालचक्र उस कैसेट को देखकर रूह कांप जाती थी किस तरह से मुलायम सिंह ने , रामभक्तों पर गोलियां चलवाई थी । सडकों पर जहां तहां लाशें ही लाशें दिखाई द...
क्या मजदूरों के सहारे अपना, राजनैतिक ऐजेंडा पूरा करना चाहती है राज्य सरकारें।
Uncategorized, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, संपादकीय

क्या मजदूरों के सहारे अपना, राजनैतिक ऐजेंडा पूरा करना चाहती है राज्य सरकारें।

पूरा विश्व भारत के प्रयासों की सराहना कर रहा है जिस तरह से केंद्र में मोदी सरकार ने निर्णय लिये है वो वाकई तारीफ के काबिल हैं।ओर सबसे बडी बात ये है देश के लोगों ने अपने से आगे आकर सरकार के निर्णयों का स्वागत किया ओर पूरा सहयोग दिया। 22 मार्च 2020 की तारीख देश के इतिहास का हिस्सा वन गई ,क्योंकि जिस तरह के निर्णय देश की सरकार ने लिए थे वो भारत ने पहली बार देख ओर सुने थे,उसके बाद से देश के नागरिक बराबर सरकार के दिशा निर्देश का पालन करते चले जा रहे थे ओर लॉकडाउन पर लॉकडाउन आते जा रहे थे । इसी बीच मजदूरों में भ्रम फैला कर व्यवस्था को ध्वस्त किया जाने का कार्य भी किया जा रहा था जो साफ तौर पर राज्य सरकारों के द्वारा किया जाना दिखाई दे रहा था। इस तरह के आरोपों को बल तव मिलता है जव ऐसी घटनाएं दिखाई पढती है। क्या मजदूर राज्य सरकार कि इच्छा के खिलाफ घर से बहार निकल सकता है।क्या मजदूर पैदल...