Tuesday, September 23

क्या वाकई कथा वाचिका चित्रलेखा शादीशुदा है ?

इन दिनों भारत में कथा वाचकों की भरमार आई हुई है ।जिसे देखो वही कथावाचक वनने के लिए आतुर है। दुख की बात ये है इन कथावाचकों में अधिकतर ऐसे हैं जिन्हें शास्त्र का ज्ञान तक नहीं है ।जिसे देखो वही व्यासपीठ पर बैठना चाहता है। गांव हो या शहर हर जगह ऐसे कथावाचकों की बाढ आई हुई है।

अव हम उन कथा वाचिकाओं की बात करते है जिनकी.कथनी और करनी अलग है जो व्यासपीठ पर बैठ कर उसकी गरिमा का तक ध्यान नहीं रखतींं ऐसी ही कथा वाचिका चित्रलेखा ये चित्रलेखा सुर्खियों में तव आईं जव स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती जी ने व्यासपीठ की शुद्धि नामक अभियान चलाया ।जिसमें वो हर संत शामिल किया गया जो व्यासपीठ की गरिमा को खंडित करते है ऐसे संतोंं के वो वीडियो दिखाये गये जिसमें वो सनातन की जगह इसलाम का प्रचार करते नजर आ रहे हैं। तभी चित्रलेखा के शादीशुदा होने की खबरें भी आईं तभी से ये मांग उठ रही है की जिस तरह चित्रलेखा ने व्यासपीठ की गरिमा फर माफी मांगी उसी तरह उन्हें ये भी बताना चाहिए कु वो शादीशुदा हैं या नहीं ।यदि शादी की है तो किससे।बैसे शादी उनका व्यक्तिगत मामला है पर वो सनातन धर्म की कथाएं करती है तो जरूरी है ।की उनका चरित्र भी उत्तम होना चाहिए।

मजेदार बात यह है की ये जो महान कथा वाचक है वो भगवान की मूल अवधारणा से अलग का राप अलापते नजर आ रहे है। जिन प्रभु श्रीराम जी ने मानव कल्याण के लिए राजपाट छोड़कर पैदल वन को निकल पढे़ ।उन्हीं की कथा को लाखों रूपये लेकर लाखों के मंच बनाकर एसी की हवा खाकर तरह तरह से आंसू बहाकर जनता को मूर्ख वनाते है।

कथाओं का एक अच्छा खासा मुनाफे का व्यापार चल पढा है ।भारत की सनातन संस्कृति ऐसी है जिसने सभी को समान अवसर दिया है उसका लाभ इन कथा वाचकों ने भी खूब उठाया ।उसी लाभ से आज कुछ कथा वाचक एक सेलीब्रिटी के रूप में अपने आपको प्रस्तुत करने लगे है ।