जो काम आजादी के बाद होना था वो अव हो रहा है यदि देश का प्रधानमंत्री देश के लोगों से आत्मनिर्भर बनने की अपील कर रहा है तो उसमें संशय क्यों पैदा किया जा रहा है ।किसी भी देश का विकास तभी सम्भव है जव वहां के लोग आत्मनिर्भर होंगे यह साधारण सी बात है । आज राजनैतिक लोगों के लिए नजरिया अलग हो सकता है पर देश के जनमानस में आत्मनिर्भर बनने की ललक दिखाई दे रही है ।वो स्वयं भी अपने से कुछ करना चाहते हैं।

भले ही राजनैतिक पार्टियों के लोग आज कहें आज देश में जो बडी संस्थाएं है वो उनकी देन है ।इसमें कोई बुराई नहीं हैं जो सत्ता में रहता है वो अपने सामर्थ्य के अनुसार कार्य करता है । मोदीजी ने संसद को सम्बोधित करते हुए यह कहा भी था की आज के पहले जिन लोगों ने सरकारों ने जो विकास किया है ।उसकी तारीफ होनी चाहिए पर अव आगे के विकास के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए।
पर ना जाने इस देश की राजनीति कैंसी है जव भी आत्मनिर्भर बनने की बात होगी उसे हीन भावना से देखा जायेगा ।अपने यहां वनी चीजों को लेने ओर उपयोग करने में अपनी तौहीन समझते है ।इसी मानसिकता को खत्म करने का मंत्र है ।आत्मनिर्भरता ।
जव हम स्वदेशी बस्तुएं अपनाएंगे तो अपने देश का व्यापारी सम्पन्नता की कहानी लिखेगा ।ओर उसके साथ साथ बहुत सारे छोटे छोटे व्यापार करने बालों को भी लाभ मिलेगा। आज हम देखते है लोगों पर जरा सा पैसा क्या आया वह विदेश ब्रॉड की बातें करने लगता है जवकि पैसा वह देशी तरीकों ओर संसाधनों से कमता ।इस सोच को बदलकर एक आत्मनिर्भरता की ओर बढना चाहिए ओर इसमें सभी को अपनी अपनी भूमिका अदा करना चाहिए क्योंकि यह भी एक अमृतमंथन है सभी को इसका लाभ मिलेगा।