अरुणाचल प्रदेश ने मध्य प्रदेश से मांगी जमीन, जानें क्या है वजह?
अरुणाचल प्रदेश में हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए बड़े जंगल की कटाई हो रही है। अरुणाचल सरकार इसकी भरपाई करीब 2100 किमी दूर मध्य प्रदेश में करेगी। यहां 23 हजार हेक्टेयर में जंगल विकसित होगा। इसके प्रस्ताव के बाद प्रदेश में जमीन ढूंढ़ी जा रही है। वन विभाग ने भी बड़ी नदियों के किनारों को हरा-भरा बनाने की योजना बना ली है। अधिकांश पौधरोपण के लिए नदियों के किनारे की ऐसी जमीन ढूंढ़ी जा रही है, जहां सघन वन क्षेत्र नहीं है।
ने नदियों के दोनों किनारों पर हरियाली बिखेरने की योजना बनाई है। नर्मदा, क्षिप्रा, बेतवा, कालीसिंध, चंबल आदि नदियों के किनारे रिहेबिलिटेशन ऑफ डीग्रेडेड फॉरेस्ट वाली जमीन ढूंढ़ी जा रही है। यहां पौधों का घनत्व कम है। सघन वन विकसित होने से नदियों किनारे छांव होगी।
में 50 हजार मेगावॉट हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन की क्षमता आंकलित की गई है। दिबांग मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट पर पह...










