Monday, September 22

राजस्थान विधानसभा ही नहीं लोकसभा, राज्यसभा में भी अवैध खनन की रही गूंज, गिरफ्तार विधायक ने भी लगाए थे 4 सवाल

राजस्थान में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन को रोकने में सरकारी प्रयास भी सफल नहीं हो रहे हैं। बड़ी बात यह है कि खनन माफिया के अलावा खान संचालक भी लीज क्षेत्र के आसपास अवैध खनन कर रहे हैं। विधानसभा भी अवैध खनन की गूंज होती रही है। विधायकों की ओर से सवाल भी खूब लगाए जाते हैं। बजट सत्र में ही खनन पर करीब 240 सवाल लगे। वहीं लोकसभा व राज्यसभा में 22 सवाल लगे।

विधानसभा में सवाल लगाने और वापस लेने के मामले रिश्वत को लेकर गिरफ्तार हुए बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल ने ही खान विभाग से जुड़े चार सवाल लगाए थे। लीज संचालक कितने बड़े स्तर पर अवैध खनन कर रहे हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले एक माह में खान संचालकों पर अवैध खनन करने के मामले में 300 करोड़ रुपए से अधिक की पेनल्टी लगाई जा चुकी हैं। भरतपुर जिले में ही 180 करोड़ रुपए की पेनल्टी खान संचालकों पर लग चुकी है।

विधायक जयकृष्ण पटेल ने विधानसभा में अभी तक कोई भी लिस्टेड सवाल वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र नहीं लगाया है। विधायक को विधानसभा की प्रश्न शाखा में सवाल वापस लेने का प्रार्थना पत्र देना होता है। यह प्रार्थना पत्र प्रश्न एवं संदर्भ समिति के पास जाता है। इस समिति की बैठक में सवाल वापस लेने पर चर्चा होती है और विधायक के अधिकार के अनुसार सवाल वापस लेने की अनुशंसा विधानसभा अध्यक्ष को की जाती है। अध्यक्ष की अनुमति के बाद ही सवाल वापस लिया जा सकता है। जिस विभाग का सवाल वापस लिया जाता है, उस विभाग को विधानसभा इसकी सूचना भी भेजती है।

अवैध खनन के मामले तो लगातार राज्यभर से सामने आ रहे हैं लेकिन टोडाभीम क्षेत्र विधायक पटेल की ओर से सवाल लगाकर वसूली के बाद ज्यादा चर्चा में आ गया है। टोडाभीम क्षेत्र में सोप स्टोन की खदानें हैं, जिनकी आड़ में अवैध खनन किया जा रहा है। यहां करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में पिछले कई वर्षों से अवैध खनन हो रहा है। हालात यह हैं कि अब तो पहाड़ ही खोखले हो गए हैं। कई गांवों में तो पहाड़ों का अस्तित्व ही समाप्त होने को है। लेकिन विभाग के अधिकारियों के कभी कानों पर जूं नहीं रेंगी