Sunday, October 19

भोपाल संभाग

नगर निकाय चुनावों में कमल खिला
भोपाल संभाग, राजधानी समाचार, राज्य समाचार

नगर निकाय चुनावों में कमल खिला

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे नगर निकाय चुनावों के परिणाम आ गए जिसमें भाजपा को भारी मात्रा में सफ लता प्राप्त हुई है। जिसमें सभी नौ नगर निगमों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। १२६ नगर निकायों में से भाजपा ने ७४ पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस ३३ पर ही सिमट कर रह गई। भाजपा को मिली इस जीत को मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान ने कार्यकर्ताओं की जीत बताया। शहरी निकाय के चुनावों में जिस तरह से जनता ने भाजपा पर विश्वास किया है। उससे भाजपा की जिम्मेदारी और बड जाती है क्योंकि प्रदेश की जनता प्रदेश में विकास की आस लगाए हुए बैठी हुई है। सभी नौ निगमों में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले ग्वालियर के मेयर शेजवलकर रहे जिन्हें ९१००० मत मिले। इसी तरह देवास के मेयर प्रेम कुमार को १२९३२, बुरहानपुर के अनिल भोंसले को ४०६६, सागर के अभर दरे को ८८६९, खंडवा के सुभाष कोठारी को ३४७७, रतलाम की मेयर सुनीता यार्दे को २४०११, रीवा ...
मतदाता की खामोशी क्या गुल खिलाएगी
गंजबासौदा

मतदाता की खामोशी क्या गुल खिलाएगी

गंज बासौदा: नगर पालिका चुनाव तो सम्पन्न हो गए ओैर मतदान का प्रतिशत भी अपनी कहानी कह रहा है। पर मतदाता की चुप्पी क्या गुल खिलाएगी यह अभी नहीं कहा जा सकता। वैसे मतदान का अधिक प्रतिशत होना भाजपा के पक्ष में माना जाता है पर इस चुनाव में नए नए बनते बिगडते समीकरणों के बीच कुछ भी कहना जलदबाजी होगी। वैसे तो दोनों ही राजनैतिक पार्टियां अपनी अपनी जीत के दावे कर रहीं हैं और जातिगत समीकरण भी अपने अपने हिसाब से बताए जा रहे हैं। पर जिस तरह से मतदाता मौन था और किसी के पक्ष में बात करने की स्थिति में नहीं था ऐसे में आंकलन करना भी मुश्किल हो रहा है। एक वाक्या आपको बता रहा हूँ जैसे ही एक भाजपा समर्थित मतदाता से जब वोट डालने के विषय में पूछा तो उसका अंदान भी निराला था। उसने अपनी दुकान की केशबाँक्स की चाबी लगाते हुए इशारा किया और फि र मुस्कुरा दिया। इस तरह की मतदाताओं ने कई जगह अपने अंदाज में संकेत दिए पर इस...
मतदान अवश्य करें
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मतदान अवश्य करें

गंज बासौदा नगर पालिका के चुनाव दो दिसस्बर २०१४ को आपके अमूल्य मत के साथ सम्पन्न होने जा रहे हैं, जिससे शहर के विकास के स्वरूप की दशा तय होगी। वो अलग बात है कि खडे होने वाले प्रत्याशियों ने बासौदा विकास का अपना कोई ठोस विकास स्वरूप जनता के सामने नहीं रखा है। इतना जरूर कहते सुना गया है की सारे ही उम्मीदवार ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, लगनशील, जुझारू हैं, वो अब समय बताएगा की इनकी कर्तव्यनिष्ठा, लगनशीलता और ईमानदारी शहर के विकास को कौन सी दिशा देगी। यह स्थानीय चुनाव है, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव से भी ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव है। क्योंकि इसमे विकास का सपना आपका स्वयं का होता है, अपके वार्ड और आपके शहर का होता है। चुनाव में बहुत सारे प्रत्याशी खडे होते हैं और वह अपने अपने हिसाब से योग्य भी होते हैं पर यह देखना हमारा कर्तव्य है कि वह व्यक्ति आपके शहर के विकास के लिए कितना योग्य है, क्या उसकी छवि इसक...
राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं
गंजबासौदा

राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं

गंज बासौदा खुला मंच कार्यक्रम में जिस तरह से पार्टीयों के नुमाइंदों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए शहर की राजनीति में जो गंदगी घोलने का काम किया है उससे स्वच्छ राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते। भले ही शुरूआत किसी ने भी की हो पर ऐसी जगह पर संयमित भाषा का उपयोग करना चाहिए क्योंकि हमाम में सभी नंगे हैं। यदि कोई चेहरे चमकाने की बात करता हो या चेहरे पर दाग की पर ये नगर भलीभांति जानता है की सभी नेताओं के आचरणों को लुटते हुए शहर में सभी ने हाथ सेकें हैं, हां इतन जरूर हो सकता है किसी ने कम तो किसी ने ज्यादा। नेता भले ही अपने अतीत को भूल जाएं और वर्तमान जिन्दगी में संपन्नता की दम भरते हों पर शहर के लोगों से उनका अतीत छिपा नहीं है। सत्ता पाते ही जो उधार मांगा करते थे, वो ब्याज पर पैसा चलाते हैं, और जिसके घर बैठने खटिया नहीं होती थी वो दीवानों की बात करते हैं। खैर इन सब बातों से कोई ...
मतदान केन्द्र बदले जाने से वार्ड वासियों में रोष
गंजबासौदा

मतदान केन्द्र बदले जाने से वार्ड वासियों में रोष

गंजबासौदा चल रहे नगर पालिका चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा वार्ड नं२२ का मतदान केन्द्र बदल दिए जाने से वार्ड वासियों में रोष देखा जा रहा है। वार्ड के लोगों का आरोप है कि भाजपा स्वयं नहीं चाहती कि वार्ड२२ जीतें नहीं तो कोई कारण नहीं है कि चुनाव आयोग की इस मनमानी के खिलाफ भाजपा ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं। आपको बता दें की वार्ड २२ में भाजपा से काई प्रत्याशी खडा होने तैयार नहीं था जैसे तैसे एक प्रत्याशी खडा भी हो गया पर जैसे ही उसे यह मालूम चला की चुनाव आयोग ने पोलिंग बूथ ही बदल दिया है इसकी शिकायत उसने पार्टी के पदाधिकारियों से की पर सभी का रुझान सुस्त सा दिखाई दिया इससे ऐसा लगता है कि पार्टी को वार्ड २२ जीतने में कोई रूचि नहीं है।...
उम्मीदों की नगर पालिका
गंजबासौदा

उम्मीदों की नगर पालिका

  गंजबासौदा नगर पालिका चुनाव में सभी पार्टीयां अपनी अपनी बात रख रहीं हैं। कोई सुषमा जी को आदर्श बता रहा है, तो कोई निशंक नेताजी को, तो निर्दलीय प्रत्याशीयों के पास अपना ठोस आधार काम का है। वो अपने काम को बता रहे हैं। पर बासौदा की जनता क्या सोचती है यह पता नहीं । पर मतदान करने से पहले इतना विचार जरूर करें क्या खडे किए गए प्रत्याशी आपकी अपेक्षाओं पर खरे उतर पाऐंगें ? क्या बासौदा के विकास में इसके पहले उन्होंने पहले कोई योगदान दिया है? क्या उनके उपर किसी प्रकार के आरोप निहित तो नहीं है? क्या उनकी छवि विकास पुरूष की है? क्या समाज के लोग उनके और उनके परिवार के व्यवहार से संतुष्ट हैं? क्या वह आपके शहर को अपने पास से कुछ देने की स्थिति में है? क्योंकि भावना में किया गया मतदान हमें पांच वर्ष तक रूलाता रहेगा । सडकों पर धूल उडती रहेंगी, गलियों में गढडे बने रहेंगें, शिकायत करने पर भी शिकायत...
फ ायर ब्रिगेड क्या करेगी।
गंजबासौदा

फ ायर ब्रिगेड क्या करेगी।

गंज बासौदा जब स्वयं ने शहर को बारूद का ढेर बना दिया हो तो फ ायर ब्रिगेड क्या करेगी। जब भी शहर में घटना घटती है तो आरोपों का दौर चालू हो जाता है। धरना प्रदर्शन शुरू हो जाते हैं और जैसे जैसे समय निकलता जाता है तो चोर चोर मौसेरे भाई आपस में गले मिलते नजर आते हैं। जो व्यापारी बात बात में शहर को बंद करते नजर आते हैं वो यह बताने की स्थिति में हेंँ क्या कि प्रशासन के नियमों को वह कितना पालन करते हैं। बीडी , सिगरेट, कपडा, माचिस, टायर, वारदान,तेल,आरा मशीने, पटाखे जैंसी ज्वलनशील वस्तुओं के गोदाम घरों के नीचे तलघरों में बना रखे हैं, एक तीली से पूरा शहर भस्म होने की स्थिति में हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि नगर पालिका का दायित्व है कि वह नगर की सुरक्षा करे उसमें कोताही के लिए माफ नहीं किया जा सकता। पर यह भी कडवा सच है कि जिस तरह से व्यापारी नियमों की धज्जियां उडाकर शहर में माहौल बनाते हैं...
डॉ तेनगुरिया बिगाड सकते हैं समीकरण
गंजबासौदा

डॉ तेनगुरिया बिगाड सकते हैं समीकरण

गंजबासौदा नगर पालिका चुनाव में पूर्व विधायक डॉ रामनारायण तेनगुरिया की पत्नि श्रीमति मंगला तेनगुरिया के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खडे होने से भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही समीकरण बिगडते दिखाई देने लगे है। डॉ रामनारायण तेनगुरिया को कांग्रेस पार्टी से नगर पालिका के लिए अपनी पत्नि का टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस छोड दी और मंगला तेनगुरिया को निर्दलीय के रूप चुनाव में खडा करके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं की वह अब बासौदा के दोनों ही पार्टीयों के समीकरण बिगाडेंगें आपको बतादें की डाँ रामनारायण तेनगुरिया विधायक रहते हुए शहर के कई विकासों में अपनी मेहती भूमिका अदा की है स्वयं की कठोर प्रशासक की छवि का प्रभाव जनमानस में बना हुआ है जो नगर पालिका चुनाव में संजीवनी का काम कर सकता हैै।...
भ्रमक पत्र के जरिए शमशान हटाने की तैयारी
गंजबासौदा

भ्रमक पत्र के जरिए शमशान हटाने की तैयारी

गंजबासौदा। ग्राम बेहलौट पटवारी हल्का नंबर 42 में स्थित शमशान घाट को हटाने के लिए तहसीलदार कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक/प्रवाचक/2014, दिनांक 7/10/2014 ने भ्रम की स्थिति पैदा करते हुए पत्र सचिव/सरपंच ग्राम पंचायत रवरयाई के नाम होने से पत्र ही संदेह की स्थिति में आ गया। पत्र की भाषा में जो सर्वे नंबर दिए गए हैं उक्त नंबर ग्राम बेहलौट की भूमि नंबर 317 में रकबा 0.377 हेक्टयर भूमि दर्शाया गया है। उक्त पत्र में हेमंत नामदेव द्वारा कलेक्टर विदिशा जनसुनवाई क्रमांक 145822 दिनांक 26/08/14 की शिकायत पर तहसीलदार बासौदा ने उक्त शमशान हटाने हेतु सचिव और सरपंच को पत्र लिखकर जानकारी दी है। उक्त खबर जैसे ही गांव वालों को लगी तो वह भी शमशान न हटाने के लिए तहसील की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। आपको बता दें कि शासकीय भूमियों को जिस तरह से हड़पने का एक खेल गंजबासौदा में खेला जा रहा है वह निरंतर जारी है।...
गंजबासौदा नगरपालिका अध्यक्ष सीट हुई सामान्य महिला
गंजबासौदा

गंजबासौदा नगरपालिका अध्यक्ष सीट हुई सामान्य महिला

गंजबासौदा। नगरपालिका चुनाव की आरक्षण की लिस्ट जारी होते ही यह स्पष्ट हो गया है कि अब गंजबासौदा को विकास के लिए पांच वर्ष और इंतजार करना होगा। क्योंकि सामान्य महिला सीट होने से पति मानसिकता की राजनीति के चलते विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती इस समाचार से कईयो की अपत्ति हो सकती है पर सच्चाई यह है कि बासौदा जिस तरह से एक विकास पुरूष की आश लिए बैठा था अब वह आश धूमिल होती दिखाई दे रही है। वैसे कई राजनैतिक लोग अपनी-अपनी पत्नियों को आगे करके टिकिट की विंडो पर खड़े नजर आएंगे। इनमें कई तो ऐसे खड़े नजर आएंगे जिनका सामाजिक बजूद ही न हो। खैर अभी तो आरक्षण की घोषणा भर हुई है। अब देखना यह है कि इस बासौदा के विकास के लिए कौन व्यक्ति सक्षम दिखाई देता है।...