Monday, September 22

राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं

raajneeti ke liye
raajneeti ke liye

गंज बासौदा
खुला मंच कार्यक्रम में जिस तरह से पार्टीयों के नुमाइंदों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए शहर की राजनीति में जो गंदगी घोलने का काम किया है उससे स्वच्छ राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते। भले ही शुरूआत किसी ने भी की हो पर ऐसी जगह पर संयमित भाषा का उपयोग करना चाहिए क्योंकि हमाम में सभी नंगे हैं। यदि कोई चेहरे चमकाने की बात करता हो या चेहरे पर दाग की पर ये नगर भलीभांति जानता है की सभी नेताओं के आचरणों को लुटते हुए शहर में सभी ने हाथ सेकें हैं, हां इतन जरूर हो सकता है किसी ने कम तो किसी ने ज्यादा।
नेता भले ही अपने अतीत को भूल जाएं और वर्तमान जिन्दगी में संपन्नता की दम भरते हों पर शहर के लोगों से उनका अतीत छिपा नहीं है। सत्ता पाते ही जो उधार मांगा करते थे, वो ब्याज पर पैसा चलाते हैं, और जिसके घर बैठने खटिया नहीं होती थी वो दीवानों की बात करते हैं। खैर इन सब बातों से कोई अर्थ नहीं निकलता क्योंकि सत्ता की चौखट ही ऐसी है जहां मालामाल होना तय है पर दु:ख इस बात का है , एक तो चोरी करते हैं और सीनाजोरी भी। सार्वजनिक मंचों पर अपना आचरण बताकर शहर को क्या दिशा देंगें यह प्रश्न बडा मुंहफ ाडे खडा है। विचार आपको करना है क्योकि आप मतदाता हैं, सभी आपके द्वार पर वोट मांगने खडे हैं। फि र पांच साल आपको उनके द्वारे खडा होना है।