गंज बासौदा: नगर पालिका चुनाव तो सम्पन्न हो गए ओैर मतदान का प्रतिशत भी अपनी कहानी कह रहा है। पर मतदाता की चुप्पी क्या गुल खिलाएगी यह अभी नहीं कहा जा सकता। वैसे मतदान का अधिक प्रतिशत होना भाजपा के पक्ष में माना जाता है पर इस चुनाव में नए नए बनते बिगडते समीकरणों के बीच कुछ भी कहना जलदबाजी होगी।
वैसे तो दोनों ही राजनैतिक पार्टियां अपनी अपनी जीत के दावे कर रहीं हैं और जातिगत समीकरण भी अपने अपने हिसाब से बताए जा रहे हैं। पर जिस तरह से मतदाता मौन था और किसी के पक्ष में बात करने की स्थिति में नहीं था ऐसे में आंकलन करना भी मुश्किल हो रहा है। एक वाक्या आपको बता रहा हूँ जैसे ही एक भाजपा समर्थित मतदाता से जब वोट डालने के विषय में पूछा तो उसका अंदान भी निराला था। उसने अपनी दुकान की केशबाँक्स की चाबी लगाते हुए इशारा किया और फि र मुस्कुरा दिया। इस तरह की मतदाताओं ने कई जगह अपने अंदाज में संकेत दिए पर इसका मतलब यह नहीं की जीत किसकी हो रहीं है। क्योंकि अब तो उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। और सिर्फ अब कयास ही लगाए जा सकते हैं पर मतदाता की चुप्पी समझ से परे है वो क्या गुल खिलाएगी ये तो ७ दिसम्बर को ही पता चल सकेगा।