गंजबासौदा। नगरपालिका चुनाव की आरक्षण की लिस्ट जारी होते ही यह स्पष्ट हो गया है कि अब गंजबासौदा को विकास के लिए पांच वर्ष और इंतजार करना होगा। क्योंकि सामान्य महिला सीट होने से पति मानसिकता की राजनीति के चलते विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती इस समाचार से कईयो की अपत्ति हो सकती है पर सच्चाई यह है कि बासौदा जिस तरह से एक विकास पुरूष की आश लिए बैठा था अब वह आश धूमिल होती दिखाई दे रही है।
वैसे कई राजनैतिक लोग अपनी-अपनी पत्नियों को आगे करके टिकिट की विंडो पर खड़े नजर आएंगे। इनमें कई तो ऐसे खड़े नजर आएंगे जिनका सामाजिक बजूद ही न हो। खैर अभी तो आरक्षण की घोषणा भर हुई है। अब देखना यह है कि इस बासौदा के विकास के लिए कौन व्यक्ति सक्षम दिखाई देता है।