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                भोपाल-मरना है तो प्लेन ऐक्सिडेंट में मरें, ट्रेन में नहीं
                    भोपाल
रेलवे हर साल यात्री किराये और माल भाड़े में बढ़ोत्तरी तो करता रहता है लेकिन आप यह जानकर शॉक्ड होंगे कि रेलवे दुर्घटना में पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे में 19 साल से कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यह जानकरी नीमच के रहने वाले आरटीआई ऐक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर की गई आरटीआई से मिली। आरटीआई के जवाब से पता चला है कि रेलवे ने साल 1997 के बाद से ही रेलवे पीड़ितों के लिए मुआवजे कि राशि चार लाख रुपये पर फिक्स कर रखी है। रेलवे द्वारा हर साल बजट पेश किया जाता है समय-समय पर यात्री किराए और माल भाड़े में बढ़ोतरी भी की जाती हैं लेकिन दुर्घटना पीड़ितों के मुआवजे की राशि में 19 सालों से कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।
गौड़ ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर मुआवजे की राशि में बदलाव कि मांग कर इसे इन्फ्लेशन से जोड़ने की मांग की है। वहीं रेलवे के उलट अभी हाल ही में...                
                
            









