Tuesday, September 23

एमपी में उद्योगपतियों को खेती की जमीन खरीदने की छूट

Shivrajभोपाल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण कानून भले ही अधर में लटका हो लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रदेश में उद्योगपतियों के लिए जमीन खरीदने का रास्ता आसान कर दिया है। अब उद्योगपति चाहें तो वे किसानों से खेती की जमीन खरीद कर उस पर उद्योग लगा सकेंगे। उद्योगों के लिए सरकार ने सीलिंग एक्ट खत्म कर दिया है। साथ ही डायवर्जन की शर्त को भी शिथिल कर दिया है।
कैबिनेट मीटिंग में राजस्व के उच्चतम कृषि जोत कानून में बदलाव के लिए अध्यादेश लाने को भी मंजूरी दे दी गई। नई व्यवस्था के मुताबिक उद्योग लगाने के लिए खेती की जमीन खरीदने वाली कम्पनियों को पहले डायवर्जन नहीं कराना होगा। जमीन खरीदने के 3 महीने के अंदर उसको स्थानीय एसडीएम को उसकी सूचना देनी होगी उसके बाद उसका डायवर्जन होगा।

सरकार ने यह शर्त अवश्य रखी है कि उद्योग के लिए खरीदी गई खेती की जमीन में तीन साल के अंदर उद्योग लगाना आवश्यक होगा। इस फैसले से पिछले सालों में जितने उद्यमियों ने जमीन खरीदने में सीलिंग एक्ट का उल्लंघन किया है उन सबको भी जायज कर दिया जाएगा। अभी जो कानून है उसके तहत कोई भी व्यक्ति 10 एकड़ तक सिंचित, 20 एकड़ तक अर्धसिंचित और 30 एकड़ तक असिंचित जमीन रख सकता है। अब यह सीमा खत्म हो जाएगी।

जहां तक परिवार का सवाल है उसके लिए 18 एकड़ सिंचित, 36 एकड़ अर्धसिंचित और 54 एकड़ असिंचित जमीन की सीमा तय है। एक परिवार में 108 एकड़ तक जमीन रखने की सीमा है। उद्योगपतियों को मध्य प्रदेश बुलाने के लिए शहर दर शहर घूमते रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अब उनके लिए ऐसा दरवाजा खोला है जो उनका रास्ता आसान करेगा। लेकिन अंदेशा इस बात का है कि छूट मिलने के बाद उद्योगपति खेती की जमीन बड़े पैमाने पर खरीदेंगे। बाद में उसका डायवर्जन करा कर मनमाने दामों पर बेचेंगे।
हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का दावा हैं कि वे प्रदेश के किसानों का अहित नहीं होने देंगे। लेकिन साथ में उन्होंने यह ऐलान भी किया हैं कि कोई भी उद्योगपति प्रदेश में जिस जमीन पर हाथ रखेगा वह उसको दे दी जाएगी। कैबिनेट के नए फैसले से यह माना जा रहा है कि उद्योगपतियों में उद्योग की आड़ में खेती की जमीन खरीदने की होड़ लगेगी। किसान अपनी उपयोगी जमीन से हाथ धो बैठेंगे।

इससे एक ओर जहां खेती के जमीन के दाम बढ़ेंगे वहीं किसानों को इसका कोई लाभ नहीं होगा। उल्टे प्रदेश में खेती का रकबा घटेगा। सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। विधान सभा में विपक्ष के नेता सत्यदेव कटारे का कहना है कि नरेन्द्र मोदी और शिवराज सिंह के फैसलों ने यह साबित कर दिया हैं कि बीजेपी किसान विरोधी है। वह सिर्फ और सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। कांग्रेस इसका विरोध करेगी।