Tuesday, September 23

भोपाल.-1450 का गेहूं 1200 में बेच रहे किसान

1_1428353094भोपाल. प्रदेश में बारिश और आेलों से बरबाद फसलों के बाद किसान अब सरकारी तंत्र में पिस रहे हैं। अभी मुआवजा मिलना तो दूर, उन्हें अपनी बची-खुची उपज को बेचना भी दूभर हाे रहा है। मंत्री कह रहे हैं कि जो गेहूं खाने योग्य है, वह खरीदने योग्य भी है। दूसरी तरफ अफसरों का कहना है कि उन्हें ऐसे कोई आदेश नहीं मिले हैं। खरीदी केंद्रों से इनकार होने पर वे व्यापारियों को कम कीमत पर गेहूं बेचने पर मजबूर हैं। परेशान किसानों ने कई जगह प्रदर्शन किए हैं।

राजधानी से सटे मुगालिया कोट के सायलो केंद्र पर 160 गांवों की 13 समितियों के लिए गेहूं खरीदी केंद्र बनाया गया है। यहां चार दिन से किसान गेहूं की लेकर खड़े हैं। सोमवार को 25 किसान ट्रालियां बिना गेहूं बेचे लौटे। रविवार को 33 ट्रालियां वापस गईं। मजबूर किसान 1450 रुपए क्विंटल की उपज 1200 रुपए में व्यापारियों को बेच रहे हैं।
भिंड : अभद्रता का आरोप 
कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने भिंड कलेक्टर मधुकर आग्नेय पर किसानों से अभद्रता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिले के उमरी गांव में किसान अभिलाख यादव ने आत्महत्या कर ली थी। लेकिन कलेक्टर ने दिवंगत किसान के बारे में अभद्र शब्द प्रयोग किए। सिंह ने वीडियो रिकार्डिंग भी सुनाई। भिंड में आधा दर्जन किसान आत्महत्या कर चुके हैं।

बैरसिया : भोपाल-सिरोंज मार्ग पर लगाया जाम 
बैरसिया में नाराज किसानों ने बस स्टैंड पर चक्काजाम किया। करीब दो घंटे के लिए भोपाल-सिरोंज का यातायात प्रभावित रहा। प्रशासन और पुलिस के अफसर पहुंचे। किसानों को समझाइश दी। किसानों ने कहा कि उपार्जन केंद्रों पर उनका गेहूं नहीं खरीदा जा रहा हैं। तुलाई के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं।
रतलाम-मंदसौर में किसानों ने किया हंगामा 
मंदसौर में कम चमक वाले गेहूं को गुणवत्ता के दायरे से बाहर माना जा रहा है। अफसर पुराने मापदंडों के अाधार पर ही खरीदी की बात कर रहे हैं। रतलाम में किसानों ने हंगामा किया। खरीदी ताे दूर तौल भी नहीं हो सकी। अालोट में एक भी किसान का अनाज नहीं बिका। रायसेन के पठारी गांव के जसवंत सिंह ने बताया कि उनका गेहूं नमी बताकर लौटा दिया गया। कोई सुनने वाला तक नहीं है। गेहूं की गुणवत्ता के नाम पर खरीदी से इंकार किया जा रहा है।
मंत्री ने यह कहा…
जो गेहूं खाने योग्य है, वह खरीदने योग्य भी है। सभी उपार्जन केंद्र इस बात को समझ लें। किसानों को बिल्कुल परेशान न किया जाए। वे पहले ही मौसम की मार झेल चुके हैं। -गोपाल भार्गव, प्रभारी मंत्री
…और अफसर की सुनिए
^हमें जो निर्देश हैं, हम उसी के मुताबिक गेहूं खरीद रहे हैं। हर किस्म का गेहूं खरीदने के लिए लिखित आदेश नहीं हैं। जिस गेहूं में मिट्टी है और नमी है उसे कैसे खरीद सकते हैं। -राजीव पुरी, प्रभारी, सायलो खरीदी केंद्र