Monday, November 10

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त्रिपुरा में शपथग्रहण: बिप्लब बने सीएम; मोदी बोले- इस चुनाव का जिक्र होता रहेगा

अगरतला.बिप्लब देब त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बन गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सीएम पद की शपथ ली। खास बात ये है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए पूर्व सीएम माणिक सरकार भी मौजूद रहे। उनके अलावा एलके. आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद हैं। यहां 25 साल तक लेफ्ट फ्रंट की सरकार रही है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम मोदी ने कहा- भारत के इतिहास में कुछ चुनावों का जिक्र आज भी किया जाता है। 2018 का त्रिपुरा विधानसभा चुनाव भी इसी श्रेणी में आता है। लोग इसका जिक्र करते रहेंगे। कुल कितने मंत्री - बिप्लब देब त्रिपुरा के सबसे युवा (48) सीएम हैं। बिप्लब के अलावा सात और विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इनमें से बीजेपी के पांच और आईपीएफटी के दो मंत्री हैं। आईपीएफटी के चीफ एनसी. देबबर्मन भी मंत्री बनाए गए हैं। कौन हैं त्रिपुरा के नए सीएम बिप्लब देब? - 48 साल के बिप्लब...
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मप्र की तर्ज पर राजस्थान में भी दुराचारियों को मिलेगी मौत

भोपाल। राजस्थान सरकार द्वारा मप्र की तर्ज पर अब विधानसभा में उस बिल को लाने की तैयारी कर ली है। जिसें नाबालिग बेटियों के साथ दुराचार करने वालो ंको सीधे मौत की सजा का प्रावधान रखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मप्र में इस प्रकार की व्यवस्था भाजपा सरकार कर चुकी है। अब राजस्थान सरकार इस प्रकार का कानून बनाने पर जोर दे रही है। मोटे तौर पर यह बहुत सार्थक और समय परक निर्णय है। इससे मासूमों के साथ दुराचार जैसा कृत्य करने वाले अत्याचारियों को सीधे यमराज की शरण में भेजा जा सकेगा। क्योंकि कोई भी मासूम जिस पीड़ा से गुजरती है, वह असहनीय और ह्रदय विदारक मानी जाती है। जिसमें उसका कहीं भी दोष नहीं होता है। दुराचारी को इस प्रताडऩा के बदले मौत से कम क्या सजा मिल सकती है। ध्यान रहे अभी तक ऐसे लोगों को सात साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट तक अपील करने का अधिकार भी मिला है। लेकिन हम जिस व्यवस्था म...
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कष्ट दायक जीवन से मुक्ति का खुला द्वार मेडीकल बोर्ड की अनुमति से हटाए जा सकेंगे जीवन रक्षक साधन

भोपाल। इच्छा मृत्यु शब्द सुनते ही दो तरफा भावों का घेरा मन को घेर लेता है। इस बात को लेकर दुनिया में लंबे समय से बाद-विवाद होते रहे है। क्या व्यक्ति को इच्छा से जीवन त्यागने का अधिकार दिया जाना चाहिए या नहीं। यहां बात आत्म हत्या की नहीं हो रही है बल्कि उन परिस्थितियों की हो रही है जब जीवन मृत्यु से ज्यादा भयावह न केवल उस खुद व्यक्ति के लिए बल्कि समाज के लिए होने लगे।  तब की परिस्थितियों में इच्छा मृत्यु को स्वीकार लेना चाहिए या नहीं। इस पर मेडीकल साइंस और न्यायिक व्यवस्था में समान रूप से वाद विवाद चलता रहा है। जहां जीवन के पक्षधर या इच्छा मृत्यु की खिलाफत करने वाले साइंस के तौर पर यह कहते रहे है कि शायद जिस असाध्य रोग से पीडि़त व्यक्ति को आज इलाज संभव नहीं हो रहा है क्या कल साइंस की प्रगति के साथ इलाज मुहैया न हो सकेगा। ऐसे में समय पूर्व ही व्यक्ति को इच्छा मृत्यु देकर हम एक प्रकार से हत्य...
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भारत चाहे तो हिमालय भी नहीं रोक सकता हमारी दोस्ती; हम एक और एक दो नहीं, ग्यारह हैं: चीन

बीजिंग. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत और चीन को अपने आपसी मतभेद भुलाकर अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर देना चाहिए। संसदीय संत्र के दौरान सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांग ने कहा कि भारत और चीन को लड़ना नहीं चाहिए बल्कि साथ आकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि दोनों देश अपनी मानसिक रुकावटों को दूर करें, क्योंकि अगर हम साथ आ गए तो हिमालय भी हमारी दोस्ती के बीच नहीं आ सकता।” कठिनाइयों के बावजूद बढ़ रहे भारत-चीन संबंध - 2017 में चीन और भारत के बीच पैदा हुए नए विवादों पर वांग ने कहा, “कुछ परेशानी और कठिनाइयों के बावजूद भारत और चीन के आपसी रिश्तों में सुधार हुआ है।" - उन्होंने कहा, “चीन अपने अधिकारों और हितों का ध्यान रखने के साथ भारत के साथ अपने संबंधों को भी मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।” - “चीनी और भारतीय नेताओं ने भविष्य में दोनों देशों के संबंधों ...
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झुंझनू में 2011 तक 1000 बेटों पर 837 बेटियां थीं। अब 1000 बेटों पर 955 बेटियां हैं।

महिला दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के झुंझुनूं पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने झुंझुनूं जिले में लिंंगानुपात बेहतर होने पर तारीफ की। मोदी ने कहा- ''ये वीरो की भूमि है। इस जिले ने साबित कर दिया है कि युद्ध हो या अकाल हो, झुंझुनूं झुकना नहीं, लड़ना जानता है। जिस तरह बेटी बचाओ अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है, इससे देश को प्रेरणा मिलेगी। अगर सास तय कर लें कि घर में बेटी चाहिए तो किसी की ताकत नहीं है कि वो इसका विरोध करे।'' इसके साथ ही मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को विस्तार दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, एक्ट्रेस प्रियंका चौपड़ा और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी मौजूद रहीं। नरेंद्र मोदी के स्पीच की अहम बातें 1) झुंझुनूं ने मुझे यहां आने के लिए मजबूर कर दिया - नरेंद्र मोदी ने कहा, ''आज 8 मार्च को दुनिया...
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आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने पर विवाद: मोदी-नायडू ने बात की, पीएम से मिलेंगे TDP के 2 मंत्री

नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चंद्र बाबू नायडू के बीच बातचीत हुई। ऐसा कहा जा रहा है कि मामले को लेकर दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बात चली। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दो केंद्रीय मंत्री शाम को पीएम से मुलाकात भी करेंगे। इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने सरकार से अलग होने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र से हमारे 2 मंत्रियों और राज्य सरकार से बीजेपी के मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। चंद्रबाबू ने यह भी बताया था- "मैं 29 बार दिल्ली गया, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिला। गठबंधन के सदस्य होने के नाते ये मेरी जिम्मेदारी बनती है कि प्रधानमंत्री को पार्टी के फैसले से अवगत कराऊं। मेरे ओएसडी ने पीएम के ओएसडी से बात की लेकिन मोदी फोनलाइन पर नहीं आए।" नायडू ने मोदी को बताई सरकार से हटने की वजह -एएनआई ने डीटीपी सूत्रों के हवा...
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विश्व महिला दिवस- धन्य धरा और जननी तुम हो मॉं के विस्तार को स्वीकारना ही नारी सम्मान है

भोपाल। आठ मार्च विश्व महिला दिवस के रूप में एक अवसर है कि हम अपनी मां को, अपनी बहन को, अपनी पत्नी को और अपनी बेटी को सम्मान देना सीखे। हमारा यह विचार विश्व साकार हो, इसका विस्तार समाज देश की सीमाओं को लांघकर विश्वव्यापी हो। तभी विश्व बंधुत्व कुटुम्बकमïï् और विश्व भगिनी कुटुम्बकम में तब्दील हो सकता है। समय-समय पर कवियों ने नारी की शक्ति को अपने विचारों में आकार दिया है। प्रसाद कहते है कि नारी केवल तुम श्रद्धा हो, विश्वास रजत पग तल में, पीयूष श्रोत सी बहा करो, अवनि और अंबर तल में। मैथलीशरण गुप्त कह उठते है नारी तेरी यहीं कहानी, आंचल में दूध और आंखों में पानी। वहीं आदर्श के मूर्तिकार कहीं दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में नारी को दिखाते है। लेकिन सब एक जगह चूक जाते है कि आदर्श में दिखना दिखाना एक बात है और यथार्थ में नारी का पलना दूसरी बात है। केवल यह तभी संभव है जब हम में यानि पुरूष में ...
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राज्यसभा सभ्य लोगों का सदन या संसद में घुसपैठ का पिछला द्वार

भोपाल। हमारे देश में संविधान के मुताबिक संसदात्मक लोकतंत्र प्रणाली को अपनाया गया है। जिसके अनुसार दो सदन उच्च सदन यानि राज्य सभा और निम्र सदन लोकसभा को माना जाता है। यानि राज्य सभा जहां इंग्लेण्ड की तरह राजाओं यानि लार्डो बुद्धिजीवियों, विज्ञानियों एवं समाज का बौद्धिक क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों को अपनी राय और मशविरा रखने का सदन माना जाता है। लोकसभा जनता द्वारा सीधे मतदान के जरिए भेजे जाने वाले राजनीतिक दलों के विजेता यानि सांसदों का सदन है। जिनके द्वारा देश की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सुरक्षा, शिक्षा, विज्ञान विकास की संभावनाओं का कानून के रूप में सामने लााया जाता है। राज्य सभा की बौद्धिकता एवं लोकसभा की कर्मण्यता से देश का स्वरूप बनता है। लेकिन राज्य सभा जैसे जनता से नकारे, लेकिन राजनीतिक फायदे वाले लोगों को संसद तक पहुंचाने वाला पिछला गेट बन चुकी है। जहां भी लोकसभा की तरह...
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मूर्ति तोड़ने के मामले पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र शुरू हुए तीन दिन हो गए हैं लेकिन किसी भी तरह का कामकाज नहीं हुआ है। बुधवार को भी राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने मूर्ति तोड़ने और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने को लेकर वेल में प्रदर्शन किया। सभापति वेंकैया नायडूने सभी को अपनी जगह बैठने को कहा। बात न मानने पर नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही पहले 2 बजे और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई। सदन में गतिरोध खत्म करने के लिए स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मीटिंग बुलाई। बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी के बहुमत में आने के बाद लेनिन की दो मूर्तियां तोड़ दी गईं। वहीं, तमिलनाडु में समाजसुधारक रामासामी पेरियार की मूर्ति का चश्मा-नाक तोड़ दी गई। संसद में लगातार हो रहा हंगामा - 5 मार्च से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ। नीरव मोदी-मेहुल चौकसी, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए...
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.. और ध्यान बंटाने निकल पड़े मूर्ति भंजक घोटालों को दबाने की साजिश, मीडिया मैनेजमेंट का कमाल

भोपाल। जब भी देश में कोई बड़ा घोटाला सामने आता है, और उसके तार राजनीतिक गलियारे से जुड़ते है। निश्चित ही एक सप्ताह के भीतर कोई ऐसा सिगुफा छेंड़ दिया जाता है, ताकि पूरी मीडिया को काम मिल सके और जनता का ध्यान मुख्य घोटाले से हटकर दूसरी ओर केवल और केवल चर्चाओं में बंट सके। शायद इन दिनों पीएबी घोटाले के साथ पूर्व वित्तमंत्री कार्ति चितंबर वाले घोटाले के उछलने और कार्यवाही का समय था, लेकिन त्रिपुरा जीत के उन्माद में भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित मूर्ति भंजक प्रतिक्रिया ने समय की विचारधारा को एक बार फिर से बदल दिया है। पूरी मीडिया का ध्यान त्रिपुरा से होते हुए दक्षिण के पेरियार की प्रतिमा भंजन और फिर मैरठ में अंबेडकर की प्रतिमा भंजन पर लगा हुआ है। सभी दलों के माननीयों के साथ लंबी चर्चाओं का दौर मीडिया का प्रमुख शगल हो चुका है। इन दिनों नीमो को तवज्जों नही है। माल्या, ललित मोदी और अब कार्ति चितंबर प...