Thursday, October 23

मप्र की तर्ज पर राजस्थान में भी दुराचारियों को मिलेगी मौत

भोपाल। राजस्थान सरकार द्वारा मप्र की तर्ज पर अब विधानसभा में उस बिल को लाने की तैयारी कर ली है। जिसें नाबालिग बेटियों के साथ दुराचार करने वालो ंको सीधे मौत की सजा का प्रावधान रखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मप्र में इस प्रकार की व्यवस्था भाजपा सरकार कर चुकी है। अब राजस्थान सरकार इस प्रकार का कानून बनाने पर जोर दे रही है। मोटे तौर पर यह बहुत सार्थक और समय परक निर्णय है। इससे मासूमों के साथ दुराचार जैसा कृत्य करने वाले अत्याचारियों को सीधे यमराज की शरण में भेजा जा सकेगा। क्योंकि कोई भी मासूम जिस पीड़ा से गुजरती है, वह असहनीय और ह्रदय विदारक मानी जाती है। जिसमें उसका कहीं भी दोष नहीं होता है। दुराचारी को इस प्रताडऩा के बदले मौत से कम क्या सजा मिल सकती है। ध्यान रहे अभी तक ऐसे लोगों को सात साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट तक अपील करने का अधिकार भी मिला है। लेकिन हम जिस व्यवस्था में जी रहे है, वहां यदि कोई निर्दोष निर्मम व्यवस्था के चंगुल में फंस गया तो क्या मौत ही उसके शरीर की मुक्ति के लिए सार्थक न्याय या अन्याय साबित होगा। इस मामले में भी सोच विचार तो चलते रहना चाहिए। क्योंकि संविधान की मंशा सौ दोषी बच जाए लेकिन एक निर्दोष नहीं मरना चाहिए की अवधारणा का क्या होगा। दूसरी बात क्या मृत्यु के भय ने मप्र या दिल्ली में रेप के केस कम हो गए है। कहीं इस प्रकार के कृत्य मानसिक बीमारियों की देन तो नहीं है। इस प्रकार की बीमारियों की जनक भी समाज ही है।