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बिहार का राजनीतिक ड्रामा
बिहार में इन दिनों एक विचित्र राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। पिछले दिनों सत्तारूढ़ जेडीयू ने नेतृत्व परिवर्तन का फैसला किया। कुल 111 में से 97 विधायकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की जगह नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया। मुख्यमंत्री मांझी के पास अधिकतम 14 विधायकों का ही समर्थन बचा, लिहाजा कायदे से उनको अपना पद छोड़ देना चाहिए था। लेकिन, उन्होंने इस बैठक को ही अवैध बताते हुए पार्टी का फैसला मानने से इनकार कर दिया। उनकी दलील थी कि विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री ही बुला सकता है। पटना हाइकोर्ट ने उनके इस दावे को सही ठहराते हुए नीतीश को जेडीयू विधायक दल का नेता चुने जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। यह निर्णय ऐसे समय आया है जब नीतीश अपने साथ 130 विधायक लेकर दिल्ली आए हुए हैं। उधर संभवत: बीजेपी का आश्वासन पाकर मांझी भी मोर्चे पर डटे हुए हैं। राज्य में राजनीत...