हजार वर्ष पुराना है त्रिपुर सुंदरी मंदिर का इतिहास:जबलपुर से 13 किमी दूर मंदिर में सातवीं सदी की है देवी की मूर्ति, मन्नत पूरी होने के लिए लोग बांधते हैं नारियल
त्रिपुर सुंदरी मंदिर जबलपुर से 13 किमी दूर भेड़ाघाट रोड पर स्थित है। 11 वीं शताब्दी में बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां की मूर्ति 7वीं शताब्दी की है। यह कल्चुरी राजा कर्णदेव की कुलदेवी थीं। यहां लोग मन्नत के तौर पर नारियल बांधते हैं। पूरा होने पर खोलते हैं। मंदिर के पीछे एक व्यवस्थित नगर बसा था, जिसकी पुष्टि पुरातत्व की खुदाई में हो चुकी है। नवरात्र में यहां भारी भीड़ उमड़ती है।
तेवर के पास स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर को लेकर कई तरह की किवदंतियां हैं। मंदिर अलौकिक प्राकृतिक वातावरण में स्थापित है। मंदिर के चारों ओर दिव्य मूर्तियों की एक श्रृंखला मिलती है, जिसका केंद्र बिंदु त्रिपुर सुंदरी मंदिर है। 5 किमी क्षेत्र के चारों ओर 52 झरने हैं। मंदिर के पीछे त्रिपुर नगर बसा था। मान्यता है कि यहां त्रिपुरासुर नाम का राक्षस का आंतक था। उसके वध के लिए भगवान विष्णु ने मां त्रिपुर सुंदर...










