
भोपाल पुलिस ने तंत्र-मंत्र वाला फ्रॉड सामने आया है। बागसेवनिया पुलिस ने ठगी करने वाले एक गिरोह के छह लोगों को पकड़ा है। आरोप है कि गिरोह में शामिल सभी आरोपी खुद को उज्जैन के सिद्ध बाबा बताकर लोगों को अपनी बातों में फंसा लेते थे। इस दौरान वे लोगों की नजरों से बचाकर कपूर जमीन पर गिरा देते थे, फिर पैर से रगड़ कर धुआं निकालते थे। धुआं देख लोग आश्चर्य में पड़ जाते थे। आरोपी इसे अशुभ संकेत बताकर उपाय करने के नाम पर रुपए ले लेते थे। इसके बाद कहते- वे इधर-उधर देखे बिना कुछ दूर जाए, जब व्यक्ति जाने लगता तो रुपए लेकर फरार हो जाते थे। भोपाल और रायसेन में इस तरह की वारदात सामने आने के बाद पुलिस ने बदमाशों पर 30 हजार रुपए का इनाम भी रखा था।
आलीराजपुर के रहने वाले 25 साल के अखिलेश रावत पुत्र लालू सिंह रावत ने बताया कि वह 5 अक्टूबर को बरकत्तउल्ला यूनिवर्सिटी काम से आया था। यूनिवर्सिटी से बाहर निकलकर बागसेवनिया बाजार तरफ जा रहा था। इसी दौरान अहमदपुर दरगाह से आगे एक व्यक्ति मेरे पास आकर पता पूछने लगा। मैंने कहा कि मैं बाहर का हूं। मुझे नहीं कुछ नहीं पता। इसके बाद आरोपी बात करते हुए मेरे साथ-साथ चलने लगा। कुछ दूरी पर एक और व्यक्ति पीछे से आया। वह भी पता पूछने लगा। दोनों मेरे साथ कुछ दूर तक चलते गए।
थोड़ी दूर जाने के बाद दोनों में से एक आरोपी ने खुद को उज्जैन का सिद्ध बाबा बताया। मुझे विश्वास नहीं हुआ तो तंत्र विद्या कर एक व्यक्ति ने पैर रगड़कर आग जला दी। बोलने लगा तेरे जेब जो भी हैं, वह मेरे हाथ में रख दे। मैंने डर के कारण जेब से निकल कर उसे 35 हजार रुपए दे दिए। उसने मुझसे कहा कि पीछे मुड़कर 51 कदम जा। वहां भगवान के दर्शन होंगे। मैं 51 कदम गया। वापस मुड़ा, तो दोनों गायब थे।
90 CCTV फुटेज देखकर पकड़ा
पुलिस ने अज्ञात आरोपियों पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। आरोपियों की तलाश के लिए थाना प्रभारी बागसेवनिया के निर्देशन में टीम का गठन किया गया था। टीम ने घटनास्थल के आसपास पूछताछ के साथ शहर के करीब 90 CCTV कैमरों के फुटेज की जांच की। इससे आरोपियों का सुराग मिला।
इसी आधार पर ऐशबाग निवासी 27 साल का राहुल साहू पुत्र मुन्नालाल साहू पकड़ा गया। उसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर छोला मंदिर निवासी 37 साल के संतोष कटकोले, अशोका गार्डन निवासी 30 साल के मोहित रैकवार, छोला निवासी 30 साल के राजू विश्वकर्मा उर्फ मोनू, ऐशबाग निवासी 28 साल के सुमित रत्नाकर और 30 साल के देवी सिंह को पकड़ा।
ये था वारदात करने का तरीका
दो आरोपी बाइक से निकलते थे। बाइक किसी एक जगह पर खड़ी करने के बाद दोनों शिकार की तलाश में निकलते थे। एक आरोपी शिकार की रैकी कर उससे नाम पता पूछता था। तब तक उसका दूसरा साथी भी वहां आ जाता। अपने साथी से अनजान बनकर बातें करता। पहला आरोपी उज्जैन का सिद्ध बाबा बन जाता था। फिर अपने ही साथी के भविष्य के बारे में बातें करता था। उसका साथी सिद्ध बाबा से प्रभावित होने का नाटक करता था। इसी दौरान बाबा बना आरोपी अपने जेब में पहले से छिपा कर रखे कपूर को तीसरे (शिकार) व्यक्ति की नजर चुराकर जमीन पर गिरा देता था।
बाबा बना आरोपी कपूर को पैर से रगड़ता था जिससे धुआं उठने लगता था। शिकार बना व्यक्ति ये सब देखकर डर जाता था। तब बाबा उसकी जेब मे रखे सारे रुपए निकाल कर अपने साथी व्यक्ति के हाथ में रखने को कहता था। फिर आदेश देता था कि बिना पीछे मुड़े नजर झुका कर 51 या 101 कदम आगे सीधे चला जा। जब तक वह व्यक्ति आगे जाता था, तब तक उनका तीसरा साथी बाइक से वहां आ जाता है। तीनों वहां से फरार हो जाते हैं।