Saturday, October 4

भोपाल में ऐसी रेस पहली बार:बहुएं ‘इज्जत घर’ में शौच के लिए जाएं, ये सबक देने 50 से 55 साल की सास दौड़ेंगी 100 मीटर की अनूठी रेस; जो जीतेंगी, उन्हें बहू ही पहनाएगी मेडल

घर में शौचालय है, फिर भी बहुएं शौच के लिए बाहर जा रहीं। पंचायतें खुले में शौच (ओडीएफ) से मुक्त हो चुकी हैं, फिर भी कुछेक महिलाएं बाहर शौच करना ही पसंद कर रही हैं। ऐसी महिलाओं के लिए मंगलवार को भोपाल से सटे फंदा कला गांव में एक अनूठी दौड़ होने जा रही है। इस दौड़ में वे बुजुर्ग सासें हाथ में पानी से भरा लोटा लेकर 100 मीटर तक दौड़ेंगी, जिनकी बहुएं खुले में शौच करने की शौकीन हैं।

स्वच्छता का संदेश देने के लिए जिला प्रशासन पहली बार यह अनूठा प्रयोग करने जा रहा है। इस दौड़ में विजेता वो होगा, जिसके लोटे से कम पानी गिरा होगा। इस दौड़ की सबसे अच्छी बात ये है कि विनिंग प्वाइंट पर पहुंचने के बाद सासें लोटा फेंक देंगी। इसका संदेश यह होगा कि हम जिंदगीभर लोटा लेकर शौच के लिए बाहर गए, लेकिन हमारी बहुएं अब से ऐसा न करें।

स्वसहायता समूहों की महिलाएं होंगी रनर, टॉयलेट के सामने ही पहनेंगी मेडल

मंगलवार शाम चार बजे यह दौड़ होगी, जिसमें 50 से 55 साल की उम्र की सासें दौड़ेंगी। इसके लिए 18 महिलाओं का चयन कर लिया गया है। रविवार शाम को इस दौड़ का ट्रायल भी किया गया। जीतने वाली सास को विनिंग पाइंट पर खड़ी बहुएं मेडल पहनाएंगी। ये मेडल विनिंग पाइंट पर बने इज्जत घर (टॉयलेट) के सामने पहनाए जाएंगे। यहीं सासें लोटा फेंक देंगी।

इस दौड़ में जिला पंचायत भोपाल के अंतर्गत काम करने वाली स्व सहायता समूह की महिलाओं को शामिल किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ विकास मिश्रा ने बताया कि भोपाल जिले की 187 पंचायतों को ओडीएफ प्लस करने के लिए काम किया जा रहा है। यह दौड़ बहुओं के नाम है। इसका संदेश है जब घर में बने टॉयलेट में पुरुष शौच करने जा रहे हैं तो महिलाएं भी इसका उपयोग सीखें। घर की इज्जत इस तरह बाहर जाए, ये ठीक नहीं है।

ऐसे आया आइडिया… सास-बहू में झिझक दूर करनी थी

जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि कोरोना के दौरान गांवों में कराए गए सर्वे में यह देखने में आया कि घर में बहू बोल रही है लेकिन सास चुप है। दोनों में एक-दूसरे के प्रति प्रेम कम दिखाई दिया। कुछ मामलों में सास बोलती हैं तो बहू चुप रहती है। लेकिन मां-बेटी के मामले में ऐसा नहीं है। दोनों में बराबर प्रेम दिखा। सास-बहू के बीच की झिझक दूर करने और दोनों में संवाद कायम रखने के लिए इस दौड़ को कराने का आइडिया आया।

खुले में शौच न करें, यही संदेश देना है

दौड़ में जीतने वाली सास हमेशा के लिए लोटा रख देगी और बहू ये लोटा लेकर खुले में शौच के लिए न जाए, यही इस दौड़ से संदेश देना है। दौड़ के बाद एक थीम सॉन्ग भी लांच किया जाएगा। गांवों में स्वच्छता के लिए और भी प्रयोग किए जाएंगे।

– अविनाश लवानिया, कलेक्टर