लेफ्ट के गढ़ में 10 साल बाद की सेंध, वैभव मीणा ने संयुक्त सचिव पद झटका
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू), जो दशकों से वामपंथी विचारधारा का अभेद्य किला रही है, में 2025 के छात्रसंघ चुनाव ने राजनीतिक परिदृश्य को हिलाकर रख दिया। रविवार को हुई मतगणना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए वामपंथ के इस गढ़ में सेंध लगाई और भगवा पताका लहरा दी। दस साल बाद जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने न केवल 42 काउंसलर सीटों में से 23 पर कब्जा जमाया, बल्कि केंद्रीय पैनल के चारों प्रमुख पदों—अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव—पर अपनी बढ़त बनाए रखी। इस जीत ने जेएनयू की छात्र राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे दिया है।
मतगणना की प्रक्रिया देर रात तक चली, जिसमें 3000 से अधिक वोटों की गिनती के बाद एबीवीपी के प्रत्याशी सभी प्रमुख पदों पर आगे रहे। अध्यक्ष पद पर एबीवीपी की शिखा स्वराज ने आइसा और डीएसएफ के संयुक्त उम्मीदवार नीती...