Monday, September 1

अच्छी पहल: मोबाइल ने किया बच्चों को आउटडोर खेलों से दूर, स्पोर्ट्स अकादमी बनी संजीवनी, खेलों के प्रति जगा रही उत्साह

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कोरोना के बाद मोबाइल की लत ने बच्चों को खेलों से दूर कर दिया। आउटडोर खेलों से मानो मोह भंग हो गया। बच्चे मोबाइल के चक्कर में घर से बाहर खेलने नहीं निकल रहे। इससे उनके परिजन भी परेशान हैं। दिनभर मोबाइल पर चिपके रहने वाले बच्चों का वापस खेलों की ओर रुझान बढ़ाने के लिए स्पोर्ट्स अकादमी का चलन वर्तमान दौर में संजीवनी बना है। प्रदेश में इस समय दो हजार से अधिक स्पोर्टस अकादमी काम कर रही हैं। यह बच्चों को परम्परागत खेलों के साथ हॉकी, बैडमिंटन, क्रिकेट, स्केटिंग, बास्केटबाल, फुटबाल जैसी विभिन्न स्पोर्ट्स गतिविधियों में रूचि बढ़ा रही है। शाम होते ही खेल मैदान फिर बच्चों से गुलजार हो रहे हैं।

दो घंटे बहा रहे पसीना, प्रतियोगिता में भी ले रहे भाग

इस समय प्रतिदिन अकादमी में बच्चे डेढ़ से दो घंटे पसीना बहा रहे है। शाम होते ही अभिभावक बच्चों को अकादमी छोड़ रहे हैं। यहां बच्चे अपनी रुचि के अनुसार खेलों में शामिल होकर हुनर को निखारने में लगे हैं। अकादमी में अलग-अलग विधा के कोच भी लगे हैं। यह बच्चाें को खेलों की बारकियों से रूबरू करवा रहे। अकादमी बच्चों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भी ले जाती है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर

बच्चों के मैदान पर पसीना बहाने से उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक बना हुआ है। उनको वहां खेलों के साथ फास्ट फूड कम करके हरी सब्जियां खाने तथा पौष्टिक चीजों पर भी ध्यान केन्दि्त किया जा रहा है।

इसलिए पड़ी जरूरत

  • कोरोना के बाद बच्चे आलसी हो गए
  • ऑनलाइन गेम की आदत पड़ी
  • स्कूल से घर पहुंचते ही मोबाइल लेकर बैठ रहे
  • साथियों से बातचीत कम हुई
  • आउटडोर गेम को भूल ही गए

एक्सपर्ट व्यू

बच्चे घर से बाहर निकले। अभी के बच्चों में स्टेमना नहीं है। बच्चों को आधा तो फास्ट फूड खा रहा है। खाद्य पदार्थ शुद्ध मिल नहीं रहे। जूस की जगह कोल्ड डि्क पसंद कर रहे हैं। ऐसे हालात में आउटडोर खेलों से मोहभंग होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। जरूरी है कि वह परम्परात के साथ अन्य खेलों के लिए मैदान में उतरे। इससे उनका शारीरिक व मानसिक विकास हो सकें।

– अवनि जैन, अकेडमी संचालक

बोले अभिभावक

कोरोना के बाद से बच्चे मोबाइल नहीं छोड़ रहे हैं। आउटडोर गेम से बिल्कुल मोह भंग हो गया। ऐसे में बच्चे का रुझान खेलों ओर की बढ़ाने के लिए अकादमी ज्वाइंन करवाई। बच्चे शाम के समय दो घंटे अकादमी में बिताकर सेहत के प्रति भी सजग हुए हैं।

– विनोद झुर्रानी

बच्चों में मोबाइल की बुरी लत लगी है। दिनभर गेम खेलेंगे या कार्टून देखेंगे। सेहत के लिए जरूरी आउटडोर गेम से भाग रहे। स्पोर्ट्स अकादमी बच्चों में खेलों के प्रति रूझान बढ़ा रही है। खेलों के साथ उनको शारीरिक व मानसिक विकास हो रहा।

– शिवांगी पारीक