Saturday, October 18

भारत-पाक के बीच टूटती संधियां, नेहरू-लियाकत समझौता सहित इन 8 पर मंडराया खतरा

 कश्मीर के पहलगाम हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता स्थगित करने जैसे कई कठोर कदम उठाए हैं, इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी शिमला समझौता निलंबित कर दिया है। यहां जानते हैं दोनों देशों के बीच अब तक हुए अहम समझौते और उनका मौजूदा स्वरूप क्या है।

दोनों देशों की सरकारें अपने-अपने देशों में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करेंगी। इनके अधिकारों की रक्षा और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए अल्पसंख्यक आयोग का गठन भी शामिल था।

भारत में अल्पसंख्यकों को फलने-फूलने की आजादी मिली, पाकिस्तान में खूब जुल्म ढाए गए।

संधि के तहत पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को और पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज का पानी भारत को दिया गया।

 संधि 65 वर्ष तक प्रभावी रही। पहलगाम हमले के बाद भारत ने इसे निलंबित करने का ऐलान किया है।

 समझौते में तय हुआ कि कोई भी पक्ष एकतरफा कार्रवाई नहीं करेगा। दोनों देशों के बीच विवादों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाएगा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) का सम्मान करना होगा।

अब पाकिस्तान ने समझौता तोडऩे का ऐलान किया है। एलओसी की बाध्यता खत्म हो जाएगी, जिससे दोनों देश एक-दूसरे के क्षेत्रों में हमला कर सकते हैं।

भारत और पाकिस्तान के तीर्थस्थलों की यात्रा को सुविधाजनक बनाना है। 2018 तक इस समझौते में पाकिस्तान में 15 और भारत में पांच ऐसे स्थान शामिल हैं।

दोनों देश हर वर्ष एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में सूचित करेंगे। संधि के मुताबिक दोनों देश प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से ऐसा कार्य नहीं करेंगे, जिनसे परमाणु प्रतिष्ठानों को नुकसान हो।

मकसद : दोनों देशों के बीच अनजाने में हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जोखिम को कम करना। सैन्य विमान एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र के 10 किमी के भीतर उड़ान नहीं भरेंगे। पूर्व अनुमति के बिना हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं।
अब क्या : पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए तत्काल प्रभाव से अपना हवाई क्षेत्र बंद दिया।