
छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश में रविवार को राजधानी समेत कई जिलों में बारिश से मौसम सुहाना हो गया। रायपुर में शाम को अचानक मौसम बदला और तेज हवाओं के बारिश हुई, देररात तक जारी रही। इससे तापमान में कमी आने लोगों ने गर्मी से राहत महसूस किया। शनिवार रात में खासकर दक्षिणी छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते एक द्रोणिका छत्तीसगढ़ से गुजर रही है। इस कारण से ही मौसम में बदलाव आया है। शनिवार की रात बारिश होने से दक्षिण छत्तीसगढ़ यानी में अधिकतम तापमान में 9 डिग्री तक गिरावट दर्ज किया गया। वहीं रविवार को प्रदेश में सबसे अधिक तापमान दुर्ग में 42.4 डिग्री दर्ज किया गया।
जगदलपुर में अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। साथ ही एक- दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ,ओलावृष्टि और वज्रपात की संभावना है
बीजापुर -7 सेमी, अंतागढ़-उसूर 3 सेमी, नारायणपुर, बेरला, पखांजूर, कांकेर, गंगालूर, नगरी में 2-2 सेमी, भोपालपट्टनम, जगदलपुर, भानुप्रतापपुर, भैरमगढ़ में 1-1 सेमी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में सोमवार 28 अप्रैल को एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक- दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने, ओलावृष्टि होने और वज्रपात होने की संभावना है। प्रदेश में में हल्की गिरावट आएगी। सरगुजा संभाग और उससे लगे बिलासपुर संभाग के जिलों में एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने, वज्रपात होने और ओलावृष्टि भी संभावित है।
रायपुर – 39.3
बिलासपुर – 38.4
पेंड्रारोड – 37.2
जगदलपुर – 28.7
अंबिकापुर – 36.2
दुर्ग – 42.4
बीती रात करीब 1 बजे मौसम अचानक बदल गया। घंटेभर तेज आंधी के बाद जिले के कई हिस्सों में करीब आधे घंटे तक बारिश हुई। तूफान से कई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन कई क्षेत्रों में आधे घंटे तक बिजली गुल रही।
इस बारिश से तापमान में गिरवाट काफी आई। रविवार को जिले का 34 व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया। इस तरह अधिकतम तापमान में करीब 5.5 डिग्री की गिरवट दर्ज की गई। तापमान में गिरावट आने से लोगों ने काफी राहत महसूस की।
कोरबा मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच में धूल भरी आंधी चली। लगभग दो घंटे तक रुक-रुक आंधी चलती रही। इससे पूरा शहर राखड़ की चपेट में आ गया। शहर की सड़कों पर कोयले की राख और धूल की परत जमा हो गई। धूल भरी आंधी से बचने के लिए लोग घर के अंदर ही दुबके रहे।