
नईदिल्ली | बंद होने की कगार पर कड़ी यस बैंक के डायरेक्टर राणा कपूर के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया हैं | ईडी की टीम मुंबई के समुद्र महल टॉवर स्थित कपूर के घर पहुंची। देर रात तक राणा के घर पर छानबीन जारी रही। रिजर्व बैंक ने बैंक के हालात देखते हुए खाताधारकों को 50 हजार रुपए तक ही निकालने की इजाजत दी है। साथ ही बैंक के बोर्ड का कंट्रोल 30 दिन के लिए अपने हाथ में ले लिया है। यस बैंक की इस हालत का जिम्मेदार इसके फाउंडर, पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ राणा कपूर को ही माना जा रहा है। उन पर कारोबारी घरानों को लोन देने और उसे वसूल करने की प्रक्रिया अपने हिसाब से तय करने का आरोप है।
कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने निजी संबंधों के आधार पर लोन बांटे। बैंक अनिल अंबानी ग्रुप, आईएलएंडएफएस, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप जैसे कारोबारी घरानों को लोन देने में आगे रहा। इन कारोबारी समूहों के डिफॉल्टर साबित होने से बैंक को करारा झटका लगा। 2017 में बैंक ने 6,355 करोड़ रुपए की रकम को बैड लोन में डाल दिया था। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर लगाम कसना शुरू किया। 2018 में आरबीआई ने राणा कपूर के ऊपर कर्ज और बैलेंस शीट में गड़बड़ी के आरोप लगाए। साथ ही, उन्हें चेयरमैन के पद से जबरन हटा दिया। बैंक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी चेयरमैन को इस तरह से हटाया गया हो।