मऊ सदर सीट पर 30 सालों का सूखा खत्म करने की तैयारी में भाजपा, क्या मुख्तार के किले में लगेगी सेंध?
हेट स्पीच मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया गया। अब्बास अंसारी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई। अब्बास अंसारी को सजा होने के कारण यह सीट खाली हो गई है। अब इस सीट पर उपचुनाव होना तय हो गया। भाजपा इस सीट को अपने पाले में करना चाह रही है। लेकिन, सुभासपा ने यहां पर पेंच फंसाया हुआ।
2022 में 48000 वोट से जीती थी सीट
अब्बास अंसारी ने 2022 में समाजवादी पार्टी की सहयोगी रही सुभासपा के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की थी और भाजपा के अशोक सिंह को 48,000 वोटों से हराया था। अब SBSP भाजपा की सहयोगी पार्टी है। मऊ सदर सीट पर मुख्तार अंसारी ने 1996 से लेकर 2022 तक कब्जा जमाए रखा। दो बार बसपा से (1996 और 2017), दो बार निर्दलीय (2002 और 2007), और एक बार कौमी एकता दल से (2012)। मार्च 2024 में बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार की मौत हो...