हिन्दू धर्म से कितना अलग है इस्लाम में तलाक, जानिए क्या कहते हैं नियम और उसूल
आम तौर पर लोग तलाक की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते और सतही बातें करते रहते हैं। इस्लाम में पति पत्नी में यथासंभव सुलह को प्राथमिकता दी गई है। इस धर्म में तलाक को सबसे बुरा और यथा संभव अस्वीकार्य बताया गया है।
तलाक को लेकर समाज में कई भ्रांतियां हैं और आम तौर पर यह नहीं जानते कि तलाक क्या है। तलाक कहें या विवाह विच्छेद, इसे बुरा ही माना गया है। हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत विवाह विच्छेद की प्रक्रिया दी गई है जो कि हिन्दू, बौद्ध, जैन तथा सिख धर्म को मानने वालों पर लागू होती है। इस्लाम में तलाक के क्या प्रावधान हैं, आइए यहां समझते हैं।
दोनों तलाक के लिए राजी हों
इस्लाम के अनुसार अगर पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे को तलाक देने को राजी हो जाएं तो वह तलाक मान्य होगा। ऐसे तलाक के लिए दो शर्तें पूरी होनी जरूरी हैं, पहला दोनों तलाक के लिए राजी हों और दूसरा धन या जायदाद के रूप...