Monday, September 22

छत्तीसगढ़ में आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, बिगड़ा रसोई का बजट

महज एक महीने के अंतराल में हरी सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है…

मानसून की बेरुखी और सब्जियों के बढ़ते दाम ने लोगों को परेशान कर दिया है। टमाटर के अलावा आलू प्याज भी लोगों को खूब रुला रहा है। दाम बढ़ने पूरी तरह से रसोई का बजट बिगड़ गया है। मानसून के बाद सब्जियों के दाम में लगातार बढ़ रहे हैं। महज एक महीने के अंतराल में हरी सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

साप्ताहिक बाजार के सब्जी विक्रेता तोरण सिन्हा ने बताया कि मानसून लगने के बाद लगातार सब्जियों के दाम में वृद्धि हो रही है। बारिश से सब्जियां खराब होने के कारण आवक कम हो रही है और दाम में वृद्धि हो रही है। मंडी में हम काफी ऊंचे दामों में सब्जी खरीदते हैं। गरीब एवं आम जनता महंगी सब्जी नहीं खरीद सकते, इसलिए हरी सब्जियां की खरीदारी में गिरावट आ रही है।

कुछ दिनों पहले 20 रुपए किलो बिकने वाली फूलगोभी 80 से 100 रुपए किलो बिक रही है। 10 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर 50 रुपए किलो में बिक रहा है। साथ ही भिंडी, बरबट्टी, करेला, आलू, लौकी, कुहड़ा, कुंदरू, धनिया, मिर्च, प्याज भाजी, लाल भाजी, पालक भाजी सहित अन्य सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई है।