Tuesday, October 21

क्या मध्यस्थता से सुलझेगा राम मंदिर विवाद

नईदिल्ली | हिन्दू संस्कृति का प्रतिक राम मंदिर के विवाद को अब सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता के द्वारा सुलझाने के लिए प्रयास कर रही हैं जिसके लिए अब कोर्ट ने इसके लिए तीन लोगो के नाम को मध्यस्तथा के लिए सुझाया हैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता के लिए बनी कमेटी के चेयरमैन पूर्व जस्टिस फकीर मुहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला होंगे. जबकि श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू इसके सदस्य होंगे. इस कमेटी के सामने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षकार अपनी बातें रखेंगे. इसके बाद ये कमेटी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए कुल 8 हफ्तों का वक्त दिया है।  मध्यस्थता पीठ फ़ैज़ाबाद में बैठेगी। राज्य सरकार, मध्यस्थता पीठ को सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी। कोर्ट ने कहा है कि मध्यस्थता तुरंत शुरू हो उसे शुरू होने में एक सप्ताह से ज़्यादा वक़्त न लगे। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि मध्यस्थता पैनल को 4 हफ्तों में मामले की रिपोर्ट देनी होगी। राम जन्मभूमि मामले में एक पक्षकार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कहा है कि वे भी चाहते हैं कि मामला बातचीत के जरिए हल हो।  कोर्ट ने इससे पहले मध्यस्थता के प्रस्ताव पर पक्षकारों की राय पूछी थी, जिसमें मुस्लिम पक्ष और निर्मोही अखाड़ा की ओर से सहमति जताई गई थी। रामलला, महंत सुरेश दास और अखिल भारत हिंदू महासभा ने प्रस्ताव से असहमति जताते हुए कोर्ट से ही जल्द फैसला सुनाने का आग्रह किया था। उनका तर्क था कि इस प्रकार के प्रयास पूर्व में भी हो चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।