Saturday, October 18

तय नहीं हो पा रहा टी-18 का रूट

60562-train-18-delhi-varanasiभोपाल। भारत की पहली इंजनलेस ट्रेन टी- 18 का सफल परिक्षण लगभग पूरा हो चूका हैं पर रेलवे के आला अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे है की इस ट्रेन को किस रूट पर दौड़ाया जाए | रेलवे के कुछ अधिकारियो का कहना है के इस ट्रेन को हबीबगंज – नई दिल्ली शताब्दी ट्रेन की जगह चलाया जाए, तो बही कुछ का कहना हैं की इस ट्रेन को नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर चलाया जाए,  रेलवे बोर्ड के  कुछ  अधिकारी भी रैक को नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस से इसे रिप्लेस करने पर सहमति दे चुके हैं। मंडल रेल उपयोगकर्ता समिति के सदस्यों का कहना है कि पहले स्वदेशी रैक को नई दिल्ली-हबीबगंज के बीच ही चलाना चाहिए। वही कुछ  अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी को ट्रेन-18 का रैक मिलना मुश्किल है, क्योंकि इसे वाराणसी तक चलाने की कवायद तेज हो गई है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच रेलवे ट्रैक पर नए रैक को 160 किमी की रफ्तार नहीं मिल सकती। क्योंकि ललितपुर से हबीबगंज तक रेलवे ट्रैक कई सेक्शनों में घुमावदार है। इसके कारण ट्रेन को एक जैसी तेज रफ्तार में चलाना मुश्किल होगा। ट्रेन-18 के रैक का 2 दिसंबर को सवाईमाधोपुर से कोटा के बीच ट्रैक पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल किया गया। रेलवे सूत्रों की मानें तो वह ट्रैक 130 किमी प्रति घंटे की औसत रफ्तार के लिए सक्षम है। फिर भी उस ट्रैक पर ट्रेन-18 का रैक 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सफल रहा। ऐसे में नई दिल्ली-हबीबगंज रेलवे ट्रैक भी कम नहीं हैं, क्योंकि अभी नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी एक्सप्रेस भोपाल से ललितपुर के बीच 120, ललितपुर से आगरा तक 130 व आगरा से दिल्ली तक औसत 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही है। यानी इस ट्रैक पर भी ट्रेन-18 को 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है अब देखना यह है की टी-18 किसके पाले में जाएगी |