नासिक | फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई में संजय दत्त गांधीगिरी से ना जाने कितने लोगो की मदद करते है ठीक ऐसा ही एक वाख्या नासिक के संजय साठे ने किया दरअसल संजय साठे की नासिक के पास दो एकड़ जमीन है. एक एकड़ पर प्याज और दूसरे पर अंगूर की खेती उन्होंने की. प्याज की पैदाइश भी अच्छी हुई. खेती में लगभग 75 हजार रुपये खर्च आया था. अच्छी खेती होने से साठे खुश थे. लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई. क्यूंकि 750 किलो का प्याज लेकर वह लासलगांव प्याज की सबसे बड़ी मंडी में पहुंचे तो पता चला कि उस दिन प्याज के दाम 1 रुपये गिरे थे. लिहाजा उनको साढ़े सात क्विंटल के बदले में महज 1064 रुपये मिले. इससे आहत होकर वह सीधे पोस्ट ऑफिस पहुंचे और 1064 रुपये का मनीऑर्डर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कर दिया. जैसे ही मनी ऑर्डर पीएम ऑफिस पंहुचा तो वह हड़कंप मच गया . आदेश आए कि घटना की पूरी जांच की जाए. संजय साठे से जुड़ी जानकारी निकाली जाए. नासिक के कलेक्टर ऑफिस को यह आदेश मिलते ही जांच शुरू हुई. प्रांत अधिकारी यानी ब्लॉक अफसर ने संजय से संपर्क किया और उनसे घटना के बारे में जानकारी पूछी. संजय ने कभी नहीं सोचा था कि गुस्से में लिए कदम से ऐसा भी कुछ हो जाएगा.संजय ने कहा कि मुझे प्रांत अधिकारी का फोन आया और उन्होंने मेरे प्याज के खेत और उसे मिले पैसे के बारे में पूछा. मुझे लगा यहां बात खत्म हुई. लेकिन बात यहां खत्म नहीं हुई थी. प्रांत अधिकारी ने गांववालों से भी पूछताछ की.नैताली गांव के पूर्व सरपंच राजेंद्र बोरगुडे ने कहा कि सरकारी अफसरों ने ज्यादातर संजय के राजनीतिक संबंधों के बारे में पूछा. क्या वह किसी पार्टी से जुड़े तो नहीं हैं, यही वह लोग जानना चाहते थे.हालांकि साठे किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं है और उन्होंने गुस्से में यह ‘गांधीगिरी’ का काम किया था. इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी. फिर भी राजनीतिक संबंधों के बारे में खंगाले जाने से वह थोड़े परेशान तो हैं. लेकिन उन्हें इस बात की तसल्ली भी है कि मनीऑर्डर के बाद सरकारी तंत्र ने उनकी सुध तो ली.