मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बोर्ड बैठक होने वाली हैं इस बैठक में यह तय होगा कि आने वाले दिनों में सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच किस तरह के रिश्ते कायम होते हैं। आरबीआई गवर्नर फंसे कर्ज यानी एनपीए से संबंधित नियमों, केंद्रीय बैंक के फंड के इस्तेमाल या छोटे उद्योगों को ज्यादा कर्ज उपलब्ध कराने के मुद्दे पर सरकार के सुझावों का सम्मान करते हैं या इस्तीफा देने का रास्ता अख्तियार करते हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जिस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच मामला फंस सकता है, वह है केंद्रीय बैंक के रिजर्व फंड के इस्तेमाल का। अभी इस फंड का आकार 9.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है सरकार का कहना है कि दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक कुल परिसंपत्तियों का 16-18 फीसद रिजर्व में रखते हैं, जबकि आरबीआई 26 फीसद रखता है। आरबीआई इसका एक हिस्सा केंद्र को दे सकता है जिसका इस्तेमाल ढांचागत सुविधाओं के विकास में किया जा सकता है। लेकिन आरबीआई का तर्क है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना अमेरिका, जापान, चीन से नहीं की जा सकती। देश के बैंकिंग सिस्टम का बुनियादी ढांचा अभी भी बेहद मजबूत नहीं है।