विदिशा शहर की जीवनदायनी कही जाने वाली नदी मूर्तियों के विसर्जन के कारण बुरी तरह प्रदूषित हो गयी हैं|मूर्तियों के केमिकल रंगों ने नदी को प्रदूषित कर दिया हैं ओक्सिजन की कमी के कारण नदी का पानी सड़ने लगा हैं और प्रशासन द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं इसके चलते वेतवा नदी पूरी तरह प्रदूषित हो गयी है अक्सीजन की कमी के कारण कई घाटो की मछलिया मर गयी है एसएटीआई के केमेस्ट्री विभाग के एचओडी आरएन शुक्ला ने जाच रिपोर्ट में कहा हैं की विसर्जन के पहले और बाद की रिपोर्ट में नदी का पानी 15 गुना अधिक प्रदूषित पाया गया है इनका कहना हैं की यह पानी अब पीने योग्य नहीं हैं इस पानी को पीने से कैंसर, मंसिक रोग, जैसे गंभीर बीमारी होने का खतरा हैं |