Monday, October 20

ट्रक में बारात जाएगी तो मालभाड़ा क्या बसों में शोक संवेदनाओं और मुआवजों बाद फिर क्या…

भोपाल। गुजरात में बारातियों से भरा ट्रक पलट गया और तीस लोगों की मौत की खबर अखबारों के प्रथम पेज पर प्रकाशित हुई है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जब ट्रकों में बारात जाएगी तो बसों में मालभाड़ा ढोया जा रहा होगा। आखिर कौन सी परिस्थितयां ऐसी बनती है कि लोग ट्रको और ट्रेक्टर ट्रालियों में भरकर बारात और उत्सव वाले कार्यक्रमों में शरीक होते है। तब परिवहन विभाग क्या सोता रहता है। ऐसे हालात हमारे प्रदेश में भी शादियों के सीजन में, नेताओं की सभाओं में धार्मिक त्योहारों के समय सड़कों पर देखे जा सकते है। हर बार हादसे होते है लोगों की जान चली जाती है। फिर शोक संवेदनाएं, मुआवजों की घोषणाएं यदि चुनाव हो तो परिजनों तक नेताओं की पहुंच अवश्यंभावी हो जाती है। फिर किसी प्रदेश के परिवहन मंत्री का बयान बिना फिटनेस वाहन नहीं चलने देंगे। और मामला आगे खिसक जाता है। ऐसे मुद्दों में विपक्ष की भूमिका शून्य रहती है। आज ऐसा लगने लगा है कि जैसे सड़क हादसों में मरना आदमी की नियति बन चुकी है। फिर व्यवस्था अपने आप आगे बढ़ जाती है। प्रदेश में आए दिन सड़क हादसे हो रहे है, लोग मर रहे, घायल हो रहे है। विकलंाग हो रहे है लेकिन संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखिए किसी को फर्क नहीं पड़ रहा है।