गंजबासौदा। मेरे शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है। शहर का विस्तार शहरी क्षेत्र से होकर ग्रामीण अंचलों तक फैल चुका है। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं पर विराम सा लगा हुआ है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ गंजबासौदा में आधुनिक यंत्रों की पूर्ति न तो सरकारी स्तर पर हो रही है न ही प्रायवेट स्तर पर। यहीं कारण है कि आज भी शहर का स्वास्थ्य बिगड़ा हुआ है। जरा-सी परेशानी होने पर लोगों को विदिशा भोपाल भागना पड़ता है। यदि किसी गोपनीय बीमारी के बारे में पता करना हो तो आपको पैसे और समय को गंवाते हुए विदिशा या भोपाल का रूख करना लाजिमी है। ऐसे में व्यस्त सिडूयूल और जीवन जीने की आपाधापी वाले लोगों के साथ अर्थ हीन संसाधनों में जीवन जी रहे लोगों को सोनोग्राफी सुविधा नहीं मिल पाती है। जिससे कई बार लोग समय से पहले ही काल कवलित हो जाते है। ऐसा नहीं है कि सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन नहीं है, है लेकिन विशेषज्ञ नहीं है। यही कारण है कि सोनोग्राफी कराने के लिए मरीजों को विदिशा भोपाल भागना पड़ता है। वहीं अस्पताल में रखी सोनोग्राफी धूल खा रही है। दीवार पर लिखा सोनोग्राफी सेंटर मरीजों को मुंह चिढ़ा रहा है। इस ओर जनप्रतिनिधि, प्रशासन और अस्पताल प्रशासन का मौन खलने लगा है।