
हनुमानगढ़ (राजस्थान).रेलवे स्टेशन से पांच सौ मीटर दूर दो रेलवे लाइनों के बीच बसी कॉलोनी के लोग हर जुर्माने से बचते-बचाते अपने घर जाते हैं। नगर परिषद ने यहां के लोगों को रहने के लिए पट्टे तो जारी कर दिए लेकिन निकलने का रास्ता नहीं दिया।
1991 में रेलवे ट्रैक के पास बसी इस कॉलोनी में करीब पांच सौ से अधिक परिवार रहते हैं।
– लोगों का रेल पटरियों को पार कर आना-जाना मजबूरी बन गया है।
– रेल कानून के अनुसार यह गैर कानूनी है।
– यहां हर माह 60-70 लोगों पर पटरियां पार करते हुए जुर्माना लग जाता है।
कॉलोनी के राजकुमार शर्मा ने बताया कि उनके पास कार तो है लेकिन घर तक लाने के लिए रास्ता नहीं है। इसलिए मजबूरन रेलवे ट्रैक के पास ही कार खड़ी करनी पड़ती है। अगर किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो रेलवे ट्रैक के बाहर तक उठाकर लाना पड़ता है। टेंपो चालक रशीद खान ने बताया कि उन्हें अपने टेंपो रात को रेलवे ट्रैक के पास ही खड़ा करना पड़ता है।
कॉलोनी के रहने वाले गिरधरगोपाल पारीक ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों ने टाउन-जंक्शन रेलवे ट्रैक पर अंडरपास रेलवे फाटक बनवाने का वादा किया था लेकिन चुनाव होने के बाद जनप्रतिनिधि यहां का रास्ता भूल गए।
वहीं जगराम सिंह ने बताया कि दोनों तरफ रेलवे लाइन होने के कारण छोटे बच्चों को खेलने में भी काफी परेशानी होती है। स्थिति यह है कि ट्रेन आते ही बच्चों को डर के मारे पकड़ लेते हैं। जब ट्रेन चली जाती है तब उन्हें खेलने देते हैं।