जीवाजी गंज और बहोड़ापुर इलाकों में 4 शव मिलने से पुलिस परेशान
Betwaanchal news
ग्वालियर। शहर के जनकगंज, जीवाजी गंज और बहोड़ापुर इलाकों में 4 शव मिलने से सुबह-सुबह पुलिस परेशान हो गई। आशंका जताई जा रही थी कि हत्या करने के बाद शवों को फेंका गया था। एक महिला के कपडों से पारिवारिक फोटो भी मिला था। ASP दिनेश कौशल के मुताबिक, फोटो से महिलाओं की शिनाख्त मां-बेटी को तौर पर हुई है। मां का नाम ईश्वरी देवी और बेटी का नाम रिंकी गोस्वामी है, जबकि बच्चियां रिंकी की बेटियां मानसी व चेतना हैं। रिंकी अपनी बेटियों के साथ उपनगर ग्वालियर के घासमंडी मोहल्ले में रहती थी। मां ईश्वरी देवी जीवाजीगंज में।
रिंकी पति से झगड़ा होने के बाद से अपनी बेटियों के साथ अलग रहती थी। रिंकी अपने फूफा छेदी उर्फ पूरन के साथ लिव इन रिलेशन में रहती थी। फूफा रिंकी की शिकायत पर जेल में बंद है। पुलिस ने फूफा के भांजे सोनू हिरासत में ले लिया है, जबकि बेटा महेश पटवा फरार हो गया है। सोनू ने बताया है कि महेश ने ही चारों की हत्या की है।
रिंकी किलागेट के फुटपाथ पर महिला सामग्री की दुकान करती थी। पति से अलग होने के बाद वह अपने फूफा के साथ लिव इन रिलेशन में रहती थी। चार दिन पहले फूफा ने रिंकी की बेटी के साथ छेड़छाड़ की तो उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर फूफा पूरन को पुलिस ने जेल भेज दिया था।
इस दौरान ईश्वरी देवी ने बेटी को बचाने संघर्ष किया तो महेश व उसके साथियों ने उस पर भी गर्म सरिये से वार कर मार डाला। दोनों महिलाओं और बच्चियों की चीखों बाहर तक न पहुंच जाएं, इसके लिए तेज आवाज में DJ बजाया गया। कोई सुबूत और गवाह न बचे इसलिए रिंकी की मासूम बेटियों को भी मार दिया।
हत्याकांड पूरन पटवा के घर पर परिवार की महिलाओं की मौजूदगी में ही अंजाम दिया गया। इसके बाद शवों को घर के पिछवाड़े में रख दिया गया। शाम होते ही उन्हें बोरों में भर कर सिला गया, और एक-एक कर बाइक पर रख कर रात में ठिकाने लगा दिया गया।
एक ऐसा मामला दस साल पहले भी सामने आया था। इसमें गेंडे वाली सड़क के पास से निकलने वाले नाले में 4 कटी हुई लाशें मिली थीं। इसका पता आज तक नहीं चल पाया। तीन साल पहले भी घाटीगांव इलाके में दो महिलाओं के अधजले शव मिले थे। इसकी भी शिनाख्त नहीं हो पाई। फिलहाल ये सभी मामले पुलिस के लिए चुनौती ही साबित हुए हैं।