गंजबासौदा|भगवान श्रीराम के ह्रदय में श्री हनुमान बसते हैं। उन्होंने यह स्थान भगवान की भक्ति में लीन होकर प्राप्त किया। यह बात ग्राम बसरिया में चल रही श्रीराम कथा के दौरान पंडित केशव शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा कि सुंदरकांड ह्रदय रूप है।
भक्ति एवं शरणागति में आकाश, पाताल, पृथ्वी सभी ओर से बाधा आती है। इनको जो पार कर जाता है उसे भगवान के दर्शन मिलते हैं। हनुमान जी की भक्ति यात्रा में सुरसा, आकाश, देवताओं की और से आई। सिंह का समुद्र पाताल से और लंकनि पृथ्वी से भक्ति यात्रा में बाधा करने आई है लेकिन भगवान नाम का सहारा लेकर वह लक्ष्य प्राप्त करते हैं। हनुमान जी को राम नाम से ही शक्ति प्राप्त हुई। कथा के दौरान विस्तार से सुनाते हुए कहा कि पुण्य करना सरल है लेकिन पाप को छोड़ना कठिन। रामनाम पाठ करने से मनुष्य पुण्य को सार्थक कर पाप को मिटा सकता है।