
इंटरनेशनल डेस्क. पाकिस्तान के चरसद्दा में बाचा खान यूनिवर्सिटी में आतंकियों ने हमला किया है। हमले में कुछ स्टूडेंट्स और प्रोफेसर के मारे जाने की खबर है। बता दें कि आतंकियों ने ऐसा ही हमला 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल में भी किया था। तब 132 बच्चों की मौत हो गई थी।
जब आतंकियों ने आर्मी स्कूल में मचाया था कत्लेआम…
16, दिसंबर 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए हमले में 148 लोग मारे गए थे। इनमें 132 स्कूली बच्चे थे। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के बाद गठित एक मिलिट्री कोर्ट ने इस मामले में 4 आंतकवादियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
ऐसे मचाया था कत्लेआम
– सुबह तकरीबन 10.30 बजे पाक सिक्युरिटी फोर्स की ड्रेस में सात तालिबानी आतंकी स्कूल के पिछले दरवाजे से आ धमके।
– ऑटोमेटिक वीपन्स से लैस सभी आतंकी सीधे स्कूल के ऑडिटोरियम की ओर बढ़े।
– यहां मौजूद मासूमों पर उन्होंने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। तब स्टूडेंट्स वहां फर्स्ट एड ट्रेनिंग के लिए इकट्ठा हुए थे।
– इसके बाद आतंकी एक-एक क्लासरूम में घुसकर फायरिंग करने लगे। कुछ ही मिनटों बाद स्कूल के अंदर लाशें बिछ गईं।
– सुबह तकरीबन 10.30 बजे पाक सिक्युरिटी फोर्स की ड्रेस में सात तालिबानी आतंकी स्कूल के पिछले दरवाजे से आ धमके।
– ऑटोमेटिक वीपन्स से लैस सभी आतंकी सीधे स्कूल के ऑडिटोरियम की ओर बढ़े।
– यहां मौजूद मासूमों पर उन्होंने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। तब स्टूडेंट्स वहां फर्स्ट एड ट्रेनिंग के लिए इकट्ठा हुए थे।
– इसके बाद आतंकी एक-एक क्लासरूम में घुसकर फायरिंग करने लगे। कुछ ही मिनटों बाद स्कूल के अंदर लाशें बिछ गईं।
प्रिंसिपल को जिंदा जलाया
– बच्चों के सामने ही आतंकियों ने स्कूल की प्रिंसिपल ताहिरा काजी को जिंदा जलाया था।
– आतंकियों ने कुछ बच्चों को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भूना, तो कुछ छिपे बच्चों पर तब तक गोलियां बरसाईं जब तक उनके चीथड़े न बिखर गए।
– इस कत्लेआम के लगभग 40 मिनट बाद पाक आर्मी ने मोर्चा संभाला।
– लगभग छह घंटे चले ऑपरेशन में आर्मी और आतंकियों के बीच भारी फायरिंग हुई थी।
– बच्चों के सामने ही आतंकियों ने स्कूल की प्रिंसिपल ताहिरा काजी को जिंदा जलाया था।
– आतंकियों ने कुछ बच्चों को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भूना, तो कुछ छिपे बच्चों पर तब तक गोलियां बरसाईं जब तक उनके चीथड़े न बिखर गए।
– इस कत्लेआम के लगभग 40 मिनट बाद पाक आर्मी ने मोर्चा संभाला।
– लगभग छह घंटे चले ऑपरेशन में आर्मी और आतंकियों के बीच भारी फायरिंग हुई थी।