Wednesday, September 24

.मोदी के आयोजन में जाने से पहले लेनी होगी इजाज़त —-सिंगापुर सरकार ने जारी किया आदेश..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने सिंगापुर यात्रा से पहले वहां की गवर्नमेंट ने चौंकाने वाला आदेश दिया है। सिंगापुर सरकार ने यहां रहने वाले भारतीयों मूल के लोगों से मोदी के रिसेप्शन में जाने से पहले इजाजत लेने को कहा है। बता दें, मोदी 23-24 नवंबर को सिंगापुर दौरे पर होंगे। वे 24 नवंबर को यहां सिंगापुर एक्सपो में ‘मेडिसन स्क्वायर गार्डन स्टाइल’ में इंडियन कम्युनिटी के बीच स्पीच देंगे।
क्या पड़ेगा असर?
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, सिंगापुर गवर्नमेंट के इस फैसले से शो ऑर्गेनाइजर्स ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि आदेश के बाद से मेगा इवेंट में कम लोगों के आने की आशंका है और एक लाख स्क्वायर मीटर का यह विशाल एक्सपो भी खाली रह सकता है।
क्या है आदेश में?
गवर्नमेंट ने सिंगापुर का वीजा रखने वाले भारतीय या स्थाई रूप से सिंगापुर में बस चुके लोगों को मेगा इवेंट में जाने से पहले इजाजत लेने का आदेश दिया है। गवर्नमेंट ने नागरिकों से व्यक्तिगत एप्लीकेशन देकर इवेंट में जाने की इजाजत लेने को कहा है। यह आदेश सिर्फ भारतीयों ही नहीं, बल्कि सभी कम्युनिटी के लोगों के लिए है। हालांकि मोदी के इस अन-ऑफिशियल इवेंट पर सिंगापुर अथॉरिटी ने अपनी पॉलिसी पर पब्लिकली बोलने से मना कर दिया है।
इंडोनेशिया और मलेशिया से आ सकते हैं भारतीय दर्शक
आदेश से ऑर्गेनाइजर्स की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, ऑर्गेनाइजर्स एक्सपो को खचाखच भरना चाहते हैं, ताकि भारत में टीवी पर इसका ब्रॉडकास्ट देखने वालों के मन में गलत छाप न पड़े। ऑर्गेनाइजर्स ‘सिंगापुर एक्सपो’ को भरने के लिए इंडोनेशिया और मलेशिया से भारतीयों को लाने के बारे में भी सोच रहे हैं। सिंगापुर तेलुगु समाजाम ऑर्गेनाइजेशन के एनआरआई मेंबर्स को एक सर्कुलर जारी करते हुए रिसेप्शन के लिए खुद ‘www.namoinsingapore.org’ पर रजिस्टर कराने को कहा है। ताकि ऑर्गेनाइजर्स जान सकें कि कितने लोग इवेंट में आने में दिलचस्पी रखते हैं।
मोदी की फॉरेन पॉलिसी को लेकर विदेशों में चिंता
मोदी की फॉरेन पॉलिसी को लेकर कई देश की गवर्नमेंट्स में बैचेनी की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में यह पहली बार है कि मोदी की अनकन्वेंशनल (गैरपरंपरागत) फॉरेन पॉलिसी के खिलाफ किसी देश की सरकार ने साफगोई दिखाई है। सिंगापुर ने बेहद चालाकी से इंडियन गवर्नमेंट को ठेस पहुंचाए बिना एक सही डिप्लामेसी की राह पकड़ी है। सरकार का यह आदेश भारत जैसे फ्रेंडली देशों से आने वाले लोगों के लिए एक आभासी प्रतिबंध है। यह एक तरह से अपमान भी है।