News:- रायपुर राजधानी में ही एक थाने की पुलिस का दूसरे थाने की टीम से बेहतर सामंजस्य नहीं है। इसका खुलासा एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत के मामले से हुआ।

रायपुर राजधानी में ही एक थाने की पुलिस का दूसरे थाने की टीम से बेहतर सामंजस्य नहीं है। इसका खुलासा एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत के मामले से हुआ।\
छत्तीसगढ़ के रायपुर राजधानी में ही एक थाने की पुलिस का दूसरे थाने की टीम से बेहतर सामंजस्य नहीं है। इसका खुलासा एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत के मामले से हुआ। सिविल लाइन थाना क्षेत्र से गुमशुदा हुए युवक की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में आमानाका इलाके में मिली। इसके बाद उसे लावारिस मानकर दफन कर दिया गया।
इधर, 5 माह तक मृतक परिजन उसकी तलाश में सिविल लाइन थाने के चक्कर काटते रहे। आमानाका और सिविल लाइन पुलिस में बेहतर तालमेल होता तो मृतक की पहचान हो जाती। उनके परिवार वालों को दर-दर भटकना नहीं पड़ता। दो दिन पहले परिजनों ने फिर दोनों थाने की पुलिस से गुहार लगाई। इसके बाद मृतक की पहचान हुई। परिजनों की मांग पर पुलिस ने 4 नवंबर को मृतक का शव कब्र से निकलवाया। इसके बाद उनके परिजनों को सौंप दिया।
ऐसे हुई मृतक की पहचान
मृणाल के गायब होने के बाद से उनके परिजन लगातार सिविल लाइन थाने के चक्कर काट रहे थे। मृणाल को ढूंढने की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही थी। परिजन मृणाल के जिंदा होने या न होने को लेकर काफी चिंतित थे। स्थानीय नेताओं से भी उन्होंने संपर्क करके अपने बेटे को ढूंढने में मदद की मांग की। इसके बाद नेताओं ने सिविल लाइन पुलिस को मामले में बारीकी से जांच करने कहा। इसके बाद पुलिस हरकत में आई।
एक थाने में गुमशुदगी, दूसरे में मिला शव
पुलिस ने मृणाल के पहचान संबंधित जानकारी को फिर आसपास के थानों में साझा किया। मृणाल के मोबाइल की अंतिम लोकेशन आमानाका इलाके में मिली। इसके बाद आमानाका पुलिस से संपर्क किया गया। इसके आमानाका पुलिस ने 5 जून को मिली अज्ञात लाश से संबंधित जानकारी सिविल लाइन पुलिस को दी।
इसके बाद परिजनों को बुलाया गया। मृतक के हाथ में बने टैटू व कपड़ों से परिजनों ने उसके मृणाल होने की पुष्टि की। इसके बाद मंगलवार को आमानाका पुलिस ने एडीएम की मौजूदगी में कब्र को खोदकर मृणाल के शव को बाहर निकालकर परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस तालमेल के अभाव ने बढ़ाया दर्द
न्यू शांति नगर निवासी 43 वर्षीय मृणाल राय चौधरी 1 जून को अपनी बाइक से घर से निकले। इसके बाद वे नहीं लौटे। 2 जून को परिजनों ने सिविल लाइन थाने में मृणाल के गायब होने की सूचना दी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। उसकी तलाश नहीं की। 5 जून को आमानाका थाना क्षेत्र में काके ढाबा के पास संदिग्ध हालात में मृणाल की लाश मिली।
पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजा। लावारिस मानकर दो दिन बाद उसे दफन कर दिया गया। सिविल लाइन में दर्ज गुमशुदगी के मामले की जानकारी नहीं ली गई और न ही अज्ञात शव के बारे में सिविल लाइन पुलिस को विस्तृत बताया गया। मृणाल को अज्ञात के रूप में दफना दिया गया।
