
परीक्षा की निगरानी कर रही प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण समिति के पर्यवेक्षकों ने ऑनलाइन परीक्षा का सर्वर बार-बार डाउन होने के कारण गड़बड़ी की रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में भोपाल, इंदौर और जबलपुर के परीक्षा केंद्रों में आॅनलाइन परीक्षा के दौरान हाईकोर्ट द्वारा तय की गई गाइडलाइन का पालन नहीं होने का जिक्र था। इसके अलावा कई सेंटरों से भी गड़बड़ी कि शिकायतें थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर डीमेट पहली बार आॅनलाइन आयोजित हुआ था। परीक्षा के दौरान करीब 8 बार प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण व विनियामक समिति के अफसरों ने सर्वर बंद होने की शिकायतें की। साथ ही परीक्षा को मान्य करने अथवा निरस्त करने के बारे में एपीडीएमसी से रिपोर्ट मांगी थी।
हाईकोर्ट की शर्तों पर खरी नहीं उतरी परीक्षा
हाईकोर्ट ने पारस सकलेचा को परीक्षा के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी थी। सकलेचा ने भास्कर से चर्चा में कहा कि परीक्षा के लिए हाईकोर्ट ने जो शर्तें तय की थीं, वे पूरी नहीं की गईं।