नई दिल्ली: बड़े-बड़े प्रशासनिक पदों पर बैठीं महिलाएं आज भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर रही हैं। आजादी के एक साल बाद तक देश की महिलाओं को सिविल सेवा परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं थी। लेकिन अब 17 जुलाई का दिन महिलाओं के लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। क्योंकि यही वह दिन है जब 1948 में महिलाओं को भी प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा सहित तमाम सार्वजनिक सेवाओं के लिए होने वाली परीक्षाओं में भाग लेने की पात्रता मिली। कई महिलाओं ने प्रशासनिक और पुलिस सेवाओं में शानदार प्रदर्शन कर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।